Categories: हिमाचल

शिमला: आपातकालीन संचार और प्रतिक्रिया पर टेबल टॉप अभ्यास आयोजित

<p>हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) ने आज राज्य आपातकालीन संचालन केन्द्र (एसईओसी) हिमाचल प्रदेश सचिवालय, शिमला में आर्मी ट्रेनिंग कमांड (आरट्रैक), हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की दीपक परियोजना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और भारत संचार निगम लिमिटेड के सहयोग से आपातकालीन संचार मॉक अभ्यास &lsquo;संचार शक्ति&rsquo; आयोजित किया। यह अभ्यास निदेशक व विशेष सचिव (राजस्व-आपदा प्रबन्धन) डीसी राणा की निगरानी में प्रातः 11.30 बजे आरम्भ हुआ।</p>

<p>प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने सेना की इस पहल और अन्य सम्बन्धित संगठनों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में वास्तविक जीवन की स्थितियों से निपटने के लिए इस तरह के अभ्यास उपयोगी साबित होंगे। इस अवसर पर 102 इन्फैन्टरी बटालियन (टीए) पंजाब, आरट्रैक के लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव नेगी ने उपस्थित विभागों के प्रतिनिधियों को राज्य के क्षेत्रों, स्थलाकृति और यहां विद्यमान खतरों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आपदा व आपातकालीन स्थितियों में सूचनाएं बहुत महत्वपूर्ण होती हैं और डाटा एकत्रीकरण, मिलान व संप्रेषण का तंत्र प्रभावकारी होना चाहिए। उन्होंने एनईटी-रेखाचित्र का प्रयोग करते हुए एसईओसी के वी-सेट नेटवर्क, सेना व हिमाचल प्रदेश पुलिस के एसएटी नेटवर्क की जानकारी प्रदान की।</p>

<p>उन्होंने राज्य व जिला स्तर पर संचार तथा प्रतिक्रिया की जांच के लिए तैयार परिदृष्य की जानकारी भी दी। उन्होंने चम्बा जिला की पांगी घाटी के सुराल-भटोरी गांव, साच पास चम्बा, लाहौल-स्पीति के दारचा, लोसर, ग्रामफू, किम्या और किन्नौर के पारछू की आकस्मिक स्थितियों के परिदृष्य के बारे में भी संक्षिप्त जानकारी प्रदान की।</p>

<p>राज्य आपातकाल ऑपरेशन केंद्र &rdquo;एसईओसी&ldquo; पुलिस विभाग, दीपक परियोजना और सेना ने परिस्थिति के अनुसार जानकारी जुटाने के लिए अपने संचार माध्यमों का परीक्षण किया। एसईओसी में विभिन्न संचार माध्यमों का उपयोग कर उत्पन्न डाटा के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई। सेना और अन्य संस्थाओं की अतिरिक्त टुकड़ियां प्रमाणीकरण के लिए अन्नाडेल में तैनात रही। मॉक अभ्यास के माध्यम से एसडीएमए को संचार से सम्बन्धित कार्यकुशलता और कमियों को जांचने में सहायता मिली।</p>

<p>इस अभ्यास के माध्यम से विभिन्न संचार माध्यमों और सम्बन्धित संगठनों की उपस्थिति के स्थलों की पहचान करने में सहायता प्राप्त हुई जिससे भविष्य में किसी भी आपात स्थिति के लिए निर्बाध संचार सुविधा उपलब्ध करवाने में सहायता करेगी। इस प्रकार के अभ्यास से सम्बन्धित विभागों को लाभ प्राप्त होता है, क्योंकि इस प्रकार के अभ्यासों से सामूहिक रूप से विचार-विमर्श करने का अवसर मिलता है और आगे के सहयोग तथा संयुक्त योजना बनाने के लिए संभावनाओं की जानकारी मिलती है।</p>

<p>&nbsp;</p>

Samachar First

Recent Posts

जय राम ठाकुर ने विधानसभा में दी भगवान को चुनौती : सीएम

भरमौर (चंबा): चंबा जिले के भरमौर में चुनावी जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर…

6 hours ago

देशवासी सिर्फ़ नरेन्द्र मोदी को ही प्रधानमंत्री बनाने के लिए उत्सुक है: जयराम ठाकुर

शिमला : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भारतवासी  नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार…

6 hours ago

हिमाचल प्रदेश में चल रही है मित्रों की सरकार: डॉ. राजीव भारद्वाज

कांगड़ा-चंबा लोकसभा भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव भारद्वाज ने कहा की हिमाचल प्रदेश में मित्रों की…

6 hours ago

किसानों के मुद्दों को प्राथमिकता में शामिल करने वालों को समर्थन देगा संयुक्त किसान

लोकसभा चुनाव को लेकर हिमाचल में किसानो के विभिन्न संगठनों ने संयुक्त किसान मंच के…

6 hours ago

सुक्खू सरकार की गलत नीतियों से हिमाचल से बड़े बड़े उद्योगों का हुआ पलायन

हिमाचल प्रदेश में पिछले 16 महीने के कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उद्योगों का प्रदेश…

6 hours ago

डॉ यशवंत सिंह परमार की 44 वी पुण्यतिथि , कांग्रेस कार्यालय में दी श्रद्धाजंलि

हिमाचल निर्माता व प्रथम मुख्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह परमार की 44वी पुण्यतिथि पर प्रदेश भर…

9 hours ago