<p>ऑल इंडिया ज्वाइंट एक्शन कमेटी सहित कई टैक्सी ऑपरेटरों ने सोमवार को शिमला में आरटीओ ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान टैक्सी ऑपरेटरों ने ओला, उबर जैसी बाहरी कंपनियों की पर रोक लगाने की मांग की। एक्शन कमेटी के चेयर मैन राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि इन बाहरी कंपनियों की प्राइवेट गांड़ियां हिमाचल में आकर काम कर रही हैं। जिससे यहां के टैक्सी ऑपरेटरों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।</p>
<p>उन्होंने कहा कि पहले ही कोरोना वायरस परिवहन क्षेत्र पर कहर बनकर टूटा है। वायरस ने टैक्सी ऑपरेटरों की रोजी-रोटी छीन ली है। सैकड़ों टैक्सी मालिक और चालक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। अब इन कंपनियों के प्रदेश में आने से उनका काफी नुकसान हो रहा है। उन्होंने सरकार से इन विदेशी कंपनियों पर जल्द से जल्द रोक लगाने और सरकारी संस्थानों में प्राइवेट गाड़ियों के संचालन पर रोक लगाने और उत्तराखंड की तर्ज पर सरकार से टोकन टैक्स और पैसेंजर टैक्स माफ करने की मांग उठाई। </p>
<p>राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि अगर आने वाले दिनों में उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो मजबूरन टैक्सी ऑपरेटर्स सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन और चक्का जाम करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से टैक्सी व्यवसाय को कोई पैकेज या सहायता नहीं दी गई है। खड़ी गाड़ियों पर भी उन्हें टैक्स देना ही पड़ रहा है जिस वजह से बहुत सारे टैक्सी व्यापारी इस व्यवसाय को छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं।</p>
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