साल 2019 में हिमाचल प्रदेश कैबिनेट से मंजूर हुए 3636 शिक्षकों के पद भरने की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है। शिक्षक भर्ती में तकनीकी पेंच फंस गया है, इस मामले में कोर्ट ने भी भर्तियों को लेकर अपना फैसला दिया है। इसके बाद नए आदेश तक भर्तियां नहीं हो पाएंगी। बता दें कि जयराम कैबिनेट ने 3636 शिक्षकों की भर्तियों को मंजूरी दी थी, जिसमें जेबीटी के 693 पद भी भरे जाने थे। इन भर्तियों के लिए एनसीटीई के नए नियमों के तहत बीएड धारकों को भी अप्लाई करने की अनुमति थी, जिन्हें बाद में छह महीने का ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में पहले ही बेरोजगार प्रशिक्षित जेबीटी हैं। ऐसे में बीएड धारक टीजीटी में अप्लाई कर सकते हैं। सरकार ने भी जेबीटी के पक्ष में अपना फैसला दिया था। हालांकि, कोर्ट ने बीएड धारकों को कंसीडर करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में अब शिक्षक भर्ती लटक गई है। शिक्षा विभाग ने इस बीच 819 और पदों पर भर्ती के लिए कैबिनेट से मंजूरी ली, जो अगले वर्ष रिटायर होने वाले शिक्षकों की जगह भरे जाएंगे।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जब तक इस मामले में कुछ डिसाइड नहीं होता है, तब तक भर्तियां नहीं हो पाएंगी। हालांकि, उनका मानना है कि जेबीटी के लिए बीएड को कंसीडर करना सही नहीं है। प्राइमरी के लिए जेबीटी की उपयुक्त है। हिमाचल में जेबीटी बड़ी संख्या में हैं। शिक्षा विभाग कोर्ट और सरकार को यह बताने की कोशिश करेगा कि स्कूलों में टीचर भर्ती में फलेक्सिबिलिटी होनी चाहिए। भर्तियों पर रोक लगाना सही नहीं है। अगर भर्तियों में गड़बड़ी भी होती है तो उसे बाद में निरस्त भी किया जा सकता है।