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शिमला: मांगों को लेकर तहबाजारीयों ने सीटू के बैनर तले माल रोड़ पर किया मौन प्रदर्शन

पी. चंद, शिमला |

रेहड़ी फड़ी तहबाजारी यूनियन सम्बन्धित सीटू द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 व सुप्रीम कोर्ट की वर्ष 2007 की गाइडलाइन्स को लागू करने के लिए शिमला के माल रोड़ स्थित रिज मैदान पर जोरदार मौन प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे बैठ गए व मुंह पर काली पट्टियां बांधकर हाथ में तख्तियां लेकर तीन घण्टे तक बैठे रहे। प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम आयुक्त को चेताया है कि वह संस्थागत भ्रष्टाचार बन्द करें अन्यथा आंदोलन मजबूत होगा। मौन प्रदर्शन में लगभग पांच सौ तहबाजारियों ने भाग लिया।

सीटू जिला सचिव बाबू राम, रेहड़ी फड़ी तहबाजारी यूनियन अध्यक्ष सुरेंद्र बिट्टू व महासचिव राकेश कुमार ने कहा है कि नगर निगम के आयुक्त जनता को गुमराह कर रहे हैं। वे पिछले पांच वर्ष से तहबाजारियों की लिस्ट फाइनल करने की बात कर रहे हैं परन्तु हाल ही की उच्च न्यायालय में पेशी के दौरान उन्होंने सच्चाई कबूल करके तहबाजारी की लिस्ट में 1065 के बजाए केवल 168 फाइनल होने से भारी घोटाले को कबूल कर लिया है। यूनियन पिछले एक वर्ष से लगातार इस बात को कहती रही है कि आयुक्त लिस्ट बनाने में भारी घपलेबाजी कर रहे हैं। इस लिस्ट को फाइनल करने की आयुक्त को इतनी जल्दबाजी है कि उन्होंने टाउन वेंडिंग कमेटी की 10 दिसम्बर को हुई बैठक में टाउन वेंडिंग कमेटी के आठ सदस्यों को मीटिंग नोटिस भेजना भी जरूरी नहीं समझा।

सीटू ने आरोप लगाया है कि आयुक्त इन सदस्यों की गैर मौजूदगी में आनन-फानन में लिस्ट फाइनल करना चाह रहे थे। आयुक्त प्रेस बयानों में 1065 तहबाजारी होने की बात कर रहे हैं परन्तु माननीय उच्च न्यायालय में केवल 168 तहबाजारी की बात कबूल कर रहे हैं। इन सभी मसलों से आयुक्त के भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है। जो 1065 तहबाजारियों की लिस्ट बनाई गई है, उसमें से तीन सौ तहबजारियों के वार्ड का नाम नहीं है। अन्य लगभग एक सौ तहबाजारियों के माता-पता के नाम नहीं हैं।

इस सूची में क्रम संख्या 18 से 23 तक कोई नाम दर्ज नहीं है। लिस्ट में दर्जनों दुकानदारों के नाम भी तहबाजारी में शामिल किए गए हैं। यह लिस्ट पूरी तरह फर्जी है व यह भारी घोटाला है। यूनियन ने माननीय उच्च न्यायालय से अपील की है कि वह नगर निगम शिमला की टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक करके इस लिस्ट को दोबारा नए सिरे से बनाये ताकि वास्तविक तहबाजारियों के नाम सूची में शामिल हो सकें।