केन्द्र सरकार की मज़दूर, कर्मचारी एवं किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ दस केंद्रीय ट्रेड यूनियन आज से 2 दिन की हड़ताल पर हैं। बीजेपी के समर्थन वाली भारतीय मजदूर संघ (एमएस) और नेशनल फ्रंट आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस हड़ताल से बाहर हैं। शिमला में भी ट्रेड यूनियनों ने पंचायत भवन से लेकर सचिवालय तक रैली निकाली। इस दौरान इन्होंने सचिवालय के बाहर धारना दिया और केन्द्र के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी भी की।
ट्रेड यूनियनों का दावा है कि सरकारी और निजी क्षेत्र में उनके सदस्यों की संख्या 15 करोड़ है। इनमें बैंक और बीमा कंपनियां भी शामिल हैं। इनकी मांगों में श्रम कानून में प्रस्ताविक श्रमिक विरोधी संशोधन को वापस लेना और सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश और निजीकरण रोकना शामिल है। यूनियन मज़दूरों के लिए न्यूनतम 18 हज़ार वेतन की मांग कर रही है। साथ ही कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाली की मांग भी उठाई गई है।