स्वाइन फ्लू का कहर धीरे धीरे प्रदेश में बढ़ता जा रहा है। शहर के सबसे बड़े अस्पताल IGMC में स्वाइन फ्लू के दो ताजा मामले आए हैं जिनका अस्पताल में उपचार चल रहा है। नए मामले में शिमला जिला के चौपाल से आए हैं जहां एक ही परिवार के बेटा और बेटी को खांसी बुखार के चलते मंगलवार को अस्पताल में भर्ती किया गया था। लेकिन बुधवार को दोनों बच्चों की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई । उसके बाद डॉक्टरों की टीम ने दोनों बच्चों को टेमीफ्लू दवा देकर छुट्टी दे दी गई है। अस्पताल प्रशासन ने एहतियात के तौर पर मरीजों के साथ आए तीमारदारों को भी टेमीफ्लू की दवा दी है ताकि उन्हें भी किसी तरह के स्वाइन फ्लू के लक्षण न हो। स्वाइन फ्लू के मामले आने के बद IGMC प्रशासन ने भी एडवाईजरी जारी कर दी है और लक्षण देखते ही तुरंत चिकित्सकों की सलाह लेने का आग्रह किया है।
आईजीएमसी के एमएस डॉ जनक राज ने बताया स्वाइन फ्लू संक्रामक H1,N1 वायरस है। जिसका संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को फैलता है। ऐसे में यदि इसका इलाज समय पर नहीं कि या जाए तो मरीज की मौत भी हो सकती है।एसे में डाक्टर भी लोगों को राय देते हैं कि वह अपने जुखाम, सिरदर्द, खांसी और बुखार को हल्के में न लें जैसे ही स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखें तो नजदीकी अस्पताल में जाकर अपना इलाज करवाएं।
उन्होंने बताया कि इस साल अब तक स्वाइन फ्लू के पांच मामले आए हैं जिसमें अस्पताल के चिकित्सक को भी स्वाइन फ्लू हुआ है। सभी मरीजों को पूरी तरह से स्वस्थ होकर छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि अब तक 55 मरीजों की जांच की गई है जिनमें पांच मरीजों की स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों की अपेक्षा इस बार काफी कम संख्या में लोगों को इस बीमारी से जूझना पड़ा है। ऐसा लोगों में बीमारी के प्रति सचेत रहने से हुआ है।