मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का गद्दी समुदाय के बयान को लेकर हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। धर्मशाला के जोधामल सराय से लेकर कचहरी अड्डा तक गद्दी समुदाय के लोगों व अन्यों ने रैली निकाली। यह रैली खास मौके पर निकली गयी है जब कांग्रेस के प्रभारी शिंदे धर्मशाला आए हुए है। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने शांतिपूर्वक मार्च किया।
इस मौके पर एस टी (Schedule Tribe) मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने कहा शायद आजादी के 70 वर्षों में कभी ऐसी घटना हुई हो। मुख्यमंत्री जी ने जो टिप्पणी की है वो समुदाय विरोधी है और सीधा-सीधा एट्रोसिटी एक्ट का उलंघन करती है। उन्होंने राष्ट्रीय जनजातिय आयोग से आग्रह किया गया है कि इस एक्ट के तहत मुख्यमंत्री पर मुकदमा दायर किया जाए और उनके खिलाफ भी कानूनी करवाई की जाए। साथ ही उन्होनें मुख्यमंत्री को समुदाय से माफ़ी मांगने को कहा और अगर वे ऐसा नहीं करते तो समुदाय के लोग एकजुटता से उनका जवाब देगें।
यहीं नहीं कपूर ने कहा विषय यही समाप्त नहीं होगा। हमने इस विषय को बड़ी गंभीरता से राष्ट्रीय जनजातिय आयोग के समक्ष रखा है। और मामले को देखते हुए आयोग के अध्यक्ष 18 अगस्त को अपनी पूरी टीम के साथ धर्मशाला में आ रहे है जो इस मामले की जांच करेगें। साथ ही भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम विचार निताम 20 अगस्त को कांगड़ा दौरे पर आ रहे है।
पूर्व मंत्री किशन कपूर ने कहा मुख्यमंत्री हैं तानाशाह
पूर्व मंत्री किशन कपूर ने कहा है कि मुख्यमंत्री तानाशाह है जो आम आदमी को इंसान नहीं समझते। अगर वह गद्दी समुदाय से लगाव रखते तो वह लोगों से माफी मांगते। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज से घायल लोगों को कांग्रेस हुलड़बाज कहती है। साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री माफी नहीं मांग लेते तब तक विरोध जारी रहेगा। गौरतलब है कि यह विवाद तब पनपा था जब प्रदेश के CM ने गद्दी समुदाय को लेकर विवादित बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि अध्यक्ष तो गद्दी सभा के भी होते है।