हिमाचल प्रदेश में अब कैंसर से लड़ने वाले शिटाके मशरूम की खेती शुरू होने वाली है। जापान दौरे से लौटे कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अब शिटाके मशरूम की खेती शुरू की जाएगी। प्रदेश सरकार का इसको लेकर जायका मिशन के दूसरे चरण में जापान के साथ एमओयू साइन हो गया है। और पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय के 3 कृषि विशेषज्ञ 3 महीने की शिटाके मशरूम की खेती की ट्रेनिंग लेकर वापस लौट चुके हैं। दिसंबर महीने में सरकार पालमपुर विश्वविद्यालय से शिटाके मशरूम की खेती शुरू करने जा रही है।
शिटाके मशरूम कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने की क्षमता रखता है जो व्यक्ति शिटाके मशरूम खाएगा उसे कैंसर होने की संभावनाएं बेहद ही कम हो जाएगी।कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने बताया कि शिटाके मशरूम की कीमत भी पंद्रह सौ से 2 हजार के बीच में है जिससे प्रदेश के लोगों को आर्थिक रूप से भी मजबूती मिलेगी और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी प्रदेश के लोग स्वस्थ रहेंगे।
रामलाल मार्कंडेय ने बताया कि शिटाके मशरूम की खेती लकड़ी पर की जाती है और 6 बार एक ही लकड़ी से फसल ली जा सकती है।सरकार ने शिटाके मशरूम को लेकर जापान से लगभग 5 करोड़ का एमओयू साइन किया है। हिमाचल के कृषि मंत्री राम लाल मारकंडा ने जापान में 1109 करोड़ के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं जिससे कृषि और कृषकों की दशा सुधारने के लिए सरकार काम करेगी। योजना को पूरे 12 ज़िलों में शुरू किया जाना है और किसानों को सब्जी एवं अनाज उगाने और कटाई के बाद की प्रबंधन तकनीक के बारे प्रशिक्षण के साथ-साथ सिंचाई और खेतों तक सड़क सुविधाओं जैसी मूलभूत अधोसंरचना का विकास किया जाएगा।