मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने प्रदेश में दिव्यांगजनों को ज़ारी किए जाने वाले विशेष विकलांगता पहचान-पत्र यानि यूडीआईडी के संबंध में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए दिसम्बर 2019 के प्रत्येक शनिवार से जनवरी, 2020 तक पूरे प्रदेश में अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने आज यहां सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विशेष विकलांगता पहचान-पत्र के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने अधिकारियों को यूडीआईडी कॉर्ड के डिजिटाइजेशन में गति लाने को कहा और ज़िला कल्याण अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए जागरूकता मेलों का आयोजन कर आवेदकों को जागरूक करने को कहा, जिससे आवेदन में कोई गलती न रह पाये और न ही कोई आवेदन विभाग के पास लंबित रहे। उन्होंने कहा कि जनवरी में इस परियोजना की प्रगति बारे समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी।
मुख्य सचिव ने यह जानकारी दी कि यूडीआईडी परियोजना प्रधानमंत्री कार्यालय की फ्लेगशिप परियोजनाओं में से एक है, जिसके अंतर्गत विशेष लोगों का राष्ट्रीय डॉटाबेस बनाना है। प्रदेश में 8 मई, 2018 को शुरू हुए इस परियोजना के तहत अब तक 10,173 यूडीआईडी कॉर्ड ज़ारी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय इस परियोजना की प्रतिदिन ऑनलाईन यूडीआईडी पोर्टल पर निगरानी कर रहा है।