समाज के झूठे ताने बाने में उलझकर अकेले जीवन यापन कर रही एकल महिलाओं ने अपने लिए सरकार से अलग बजट का प्रावधान करने की मांग उठाई है। साथ ही एकल महिलाओं ने अपने लिए पंचायत चुनावों में अलग से आरक्षण की मांग की है। शिमला में आयोजित एकल महिला विकास एवं किसान कल्याण समिति की मीटिंग में एक महिलाओं ने सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। एकल महिलाओं ने सरकार से लीज पर जमीन देने की मांग भी है जिससे वे खेती-बाड़ी और अपना व्यवसाय करके अपना भरण-पोषण कर सके। सरकारी योजनाओं में लाभ के लिए आय सीमा 35 हज़ार को बढ़ाकर 60 हज़ार करने की मांग उठाई है।
एकल नारी शक्ति संगठन की स्टेट कोऑर्डिनेटर निर्मल चन्देल ने बताया कि मीटिंग में प्रदेशभर की करीब 80 एकल महिलाओं ने भाग लिया और ग्राउंड लेवल पर आने वाली समस्याओं को साझा किया जिन्हें सरकार के संबंधित विभागों को मांगपत्र के माध्यम से भेजा गया है ताकि एकल महिलाओं की समस्याओं का समाधान हो सके। कई पंचायतों में महिलाओं को पति के बाद जमीन उनके नाम ना होने की वजह से भारी परेशानी उठानी पड़ रही है जिसके लिए राजस्व विभाग से पति के साथ साथ महिला के नाम पर भी जमीन होने की मांग की गई है जिससे महिला सरकार की योजनाओं का फायदा उठा सकें।
गौरतलब है कि प्रदेश में लगभग 16249 एकल महिलाएं हैं जो एकेले जीवन यापन कर रही हैं । इन महिलाओं में से किसी के पति ने छोड़ दिया किसी के पति की मृत्यु होने पर ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया। अब इन महिलाओं को न ससुराल में आसरा मिलता है नही मायके वाले इनको अपनाते है। ऐसे में ये महिलाएं अपने हक़ की लड़ाई लड़ रही हैं। एकल महिलाओं ने सरकार से मांगे पूरी न होने पर पदयात्रा शुरू करने की बात भी कही।