सिरमौर के अंतर्गत पड़ते सगंडाह के गांव सियूं के लोग अपनी जान हथेली पर रखकर गिरी नदी पार करने को मजबूर हैं। यहां दो गांव की हजार से ज्यादा आबादी नदी पर बने आधे-अधूरे छूले के सहारे नदी पार करती हैं। यहां तक की स्कूली बच्चे भी इसी झूले के सहारे ही नदी पार कर स्लूल जाते हैं। हालांकि आजकल स्कूली बच्चों को छुट्टियां पड़ी हुई है लेकिन आम जनता को संगड़ाह में काम करवाने के लिए झूले से ही आना जाना पड़ता है।
गौरतलब है की इसी झूले के सहारे ही सालों से लोग नदी पार कर रहे हैं। लेकिन अब इस झूले की दुर्दशा लोगों को डराने लगी है। झूले में पकड़ने के लिए रस्सियां तक नहीं है। ऊपर से ये झूला नदी की तरफ़ झुक रहा है। बरसात का मौसम है इसलिए नदी में पानी बढ़ने से ख़तरा ओर अधिक बढ़ जाता है। स्थानीय लोगों की बार बार शिकायत के बावजूद झूले की दशा को सुधारा नहीं गया है। मजबूरन लोगों को पानी से ही कई बार नदी पार करनी पड़ती है।