<p>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्लास्टिक मुक्त भारत की अपील से प्रभावित होकर संगड़ाह में दर्जी की दुकान चलाने वाले सुरेश कुमार ने छात्रों को निशुल्क कपड़े के 55 बैग वितरित किए। सुरेश कुमार ने यह कैरी बैग सिलाई के बाद बचने वाले कपड़े अथवा कतरनों से तैयार किए गए हैं। महज दो दिन में तैयार किए गए यह कपड़े के हैंड बैग पांच किलो तक सामान उठाने के लिए उपयुक्त हैं। थैलों पर हाथ से अथवा मार्कर से प्लास्टिक मुक्त भारत अथवा स्वच्छ भारत का संदेश भी लिखा गया है।</p>
<p>बैग तैयार करने वाले दर्जी सुरेश कुमार ने बताया कि, वह नहीं चाहते कि क्षेत्र में प्लास्टिक का कचरा खाकर पशु बीमारी अथवा मौत की चपेट में आएं। भविष्य में भी वह सिलाई से बचे हुए कपड़े अथवा कतरनों से थैले तैयार करते रहेंगे ताकि लोग बाजार से सब्जी अथवा अन्य आवश्यक चीजें ले जाने के लिए पोली बैग का इस्तेमाल न करें।</p>
<p>कपड़े सिलकर अपनी आजीविका चलाने वाले इस शख्स ने क्षेत्र और प्रदेशवासियों से भी स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत अभियान में सहयोग की अपील की है। उन्होंने टेलरिंग अथवा कपड़े सिलने के धंधे से जुड़े अन्य लोगों से भी कतरनें फेंकने की बजाय इनसे कैरी बैग बनाने की अपील की।</p>
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