राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह में खाली पड़े प्राध्यापकों के 50 फ़ीसदी के करीब पदों को न भरे जाने के मुद्दे पर विद्यार्थी परिषद द्वारा गुरुवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की गई। छात्रों द्वारा स्थानीय प्राचार्य को अपना ज्ञापन सौंपे जाने के बाद कॉलेज परिसर में अनशन शुरू किया गया। विद्यार्थी परिषद कैंपस प्रेसिडेंट सुनील राजपूत और मीडिया प्रभारी राजेश्वर ने बताया कि, इसस पहले भी उन्होंने उक्त मुद्दे पर भूख हड़ताल की थी, मगर 14, सितंबर, 2019 को 36 घंटे बाद तत्कालीन भाजपा नेताओं मंडल अध्यक्ष, एसडीएम व थाना प्रभारी द्वारा उन्हें 15 दिनों में स्टाफ उपलब्ध करवाने का आश्वासन देकर अनशन तोड़ा गया था।
गौरतलब है कि, पिछले 2 साल से कॉलेज में नान-मेडिकल के विषयों के प्रेक्टिकल के लिए दो-चार दिन के लिए भी यहां अन्य महाविद्यालयों से प्राध्यापक अथवा असिस्टेंट प्रोफेसर प्रतिनियुक्त नहीं किए गए। इतना ही नहीं महाविद्यालय प्रशासन द्वारा पीटीए के माध्यम से भी खाली पद नहीं भरे गए और छात्रों कुछ छात्रों के अनुसार उन्हें पलायन की राय दी गई। आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवार अपने बच्चों को नाहन व अन्य शहरों में नहीं भेज पा रहे हैं और साइंस की पढ़ाई छुड़वाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
2006 में खुले इस महाविद्यालय में स्नातकोत्तर व इगनू की कक्षाएं भी शुरू नहीं हुई। 2019 में छात्रों द्वारा हड़ताल किए जाने के बाद महाविद्यालय में मौजूद फिजिक्स के एक मात्र प्राध्यापक को प्राचार्य की गैरमौजूदगी में कार्यालय अधीक्षक द्वारा रिलीव किया गया, जिसके बाद यहां नॉन मेडिकल का कोई भी शिक्षक मौजूद नहीं है। छात्रों द्वारा इस मुद्दे पर कई बार कॉलेज के प्राचार्य व एसडीएम को भी मांग पत्र भेजे गए हैं, मगर इसके बावजूद खाली पद नहीं भरे गए। महाविद्यालय के पीटीए अध्यक्ष हीरापाल शर्मा ने बताया कि, वह गत वर्ष कॉलेज में खाली पदों को लेकर शिक्षा मंत्री से मिले थे और संभवतः कोरोना काल के चलते उस दौरान यहां खाली पद नहीं भरी जा सके। उन्होंने कहा कि, वह पीटीए के माध्यम से खाली पद भरने के मुद्दे पर प्राचार्य से बात करेंगे।