लंबे अंतराल के बाद आई बारिश ने सबको खुश कर दिया। किसी खतरनाक रूख से इतर सोमवार सुबह आसमान में छाए घने काले बादलों ने जो रिमझिम बरसात शुरू की वह अभी तक जारी है। लगातार मगर धीमी गति से चलती रही बारिश को गंदम व अन्य फसलों के लिए सोना बरसना माना जा रहा है। बाग बागीचों के लिए भी इस बारिश को वरदान समझा जा रहा है। निचले क्षेत्रों में जमीन को अंदर तक सींचित करती हुई इस बारिश से जहां गंदम की फसल को एक तरह से नया जीवन मिल गया है।
वहीं इससे अन्य फसलों के भी अब लहलहा उठने की पूरी उम्मीद बन गई है। बारिश के साथ साथ उपरी क्षेत्रों में मंगलवार को जमकर बर्फबारी हुई। मंडी जिले के पराशर, कमरूनाग, शिकारी, बरोट, जंजैहली, गाड़ागुशैनी समेत सभी उंचाई वाले क्षेत्रों में कई कई फीट तक बर्फ की तह बिछ गई जिसे सेब के बागीचों, नदी नालों में जल के बहाव व हर प्रकार से लाभदायक माना जा रहा है। इस बारिश ने सूखी ठंड से भी लोगों को निजात दिला दी।
अब देखना यह है कि यह मौमस कब तक अपने इसी तरह के तेवर अपनाए रखता है। किसान बागवान और आम लोग अभी और बारिश व बर्फबारी चाहते हैं। मंडी जिले में ही प्रशासन द्वारा एकत्रित जानकारी के अनुसार 18 सड़कें बंद हुई हैं। भले ही मुख्य मार्ग सभी खुले हुए हैं।
शिमला पुलिस ने 10 लोगों को किया रेस्क्यू
शिमला पुलिस ने बर्फबारी के चलते फंसें 10 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला है। ये लोग चौपाल में बर्फबारी के चलते फंस गए थे।