<p>भूकंप की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश के अत्यधिक संवेदनशील होने के दृष्टिगत राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा ‘मिस्त्रियों के लिए जोखिम प्रतिरोधी निर्माण प्रशिक्षण’ योजना आरंभ की गई है। इसी कड़ी में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सोलन द्वारा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सोलन में आयोजित द्वितीय चरण की तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आज संपन्न हो गई। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में सोलन विकास खंड की ग्राम पंचायत तोप की बेड़, भारती, नेरीकलां, देवठी तथा शमरोड़ के मिस्त्रियों को हिमकोस्ट तथा बहुतकनीकी महाविद्यालय सुंदरनगर के विशेषज्ञों के सहयोग से गृह निर्माण की सुरक्षित तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।</p>
<p>इस अवसर पर सहायक आयुक्त भानु गुप्ता ने कहा कि राजमिस्त्री भवन निर्माण प्रक्रिया की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इसलिए राजमिस्त्रयों को कम लागत में भूकंप रोधी भवन निर्माण की सभी जानकारियां उपलब्ध कराना आवश्यक है, ताकि वे इस तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग भवन निर्माण में कर सकें। उन्होंने प्रशिक्षण ले रहे राजमिस्त्रयों से प्रशिक्षण में सिखाई जा रही भूकंप रोधी भवन निर्माण तकनीक की बारीकियों को गहनता से सीख कर अपने अन्य साथी मिस्त्रियों को भी सिखाने को कहा। उन्होंने हका कि इसके उपयोग में जिला में कार्यरत सभी राजमिस्त्री पारंगत होने चाहिएं।</p>
<p>उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति भवन निर्माण में पूंजी लगाकर अपने परिवार और पूंजी को सुरक्षित करना चाहता है। इसलिए आवश्यक है कि इस कार्य में नियुक्त मिस्त्री भूकंप रोधी आवास निर्माण तकनीक को जानते हों ताकि हम सुरक्षित निर्माण की दिशा में आगे बढ़ सकें। कार्यशाला में मिस्त्रियों को नींव डालने तथा सरिए को बांधने की तकनीक के बारे में बताया गया। इस दौरान मिस्त्रियों को बीम डालने के लिए ‘स्प्रेड फुटिंग’ तकनीकी की जानकारी दी गई। इस अवसर पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले मिस्त्रियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।</p>
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