प्रदेश में अब सांसदों और विधायकों की वित्तीय सहायता से शहरों और गांवों में सोलर लाइटें लगाई जाएंगी। सरकार ने बस्तियों में 250 सौर लाइटें लगाने का लक्ष्य रखा है। निजी घरों में पैदा होने वाली सौर ऊर्जा को सीधे ग्रिड से जोड़ा जाएगा। निजी घरों छतों पर सोलर पैनल लगाकर पैदा होने वाली सौर ऊर्जा दिनभर ग्रिड जाएगी और रात को ग्रिड से बिजली मिलेगी। अगर निजी घरों में बिजली अधिक पैदा होगी तो सरकार 1.80 रुपये प्रति यूनिट भुगतान करेगी। यदि बिजली अधिक खर्च होगी तो सरकार बिजली बिल देगी।
ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि सरकार सौर ऊर्जा के अधिक से अधिक दोहन को प्रोत्साहन दे रही है। एससी बहुल बस्तियों में 20-20 सोलर लाइटें लगाई जानी हैं। इसके लिए संबंधित विधायक, सांसद और जिला परिषद अध्यक्ष को 40 हजार रुपये की राशि देनी होगी। अन्य क्षेत्रों में यह लाइट करीब 15,535 रुपये की पड़ती है। इसके लिए के केवल दो हजार रुपये देने होंगे।
सामान्य श्रेणी के लोगों की बस्तियों में सांसदों, विधायकों और जिला परिषद अध्यक्ष को 80 हजार रुपये देने होंगे। इन बस्तियों में सोलर लाइट चार हजार प्रति लाइट लगेगी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि निजी घरों की रूफ टॉप पर सौर ऊर्जा को शीघ्र पंजीकरण शुरू किया जा रहा है। इसके बाद घरों की छत पर सौर ऊर्जा पैनल लगाकर टू वे मीटर लगाएंगे।