➤ सोनिया गांधी ने शिमला रिज मैदान पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया
➤ प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर आपदा राहत में भेदभाव का आरोप लगाया
➤ सोनिया गांधी ने मंच से भाषण नहीं दिया, मगर प्रियंका ने किया केंद्र पर प्रहार
परााक्रम चंद, शिमला
शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर सोमवार का दिन पूरी तरह वीरभद्र सिंह की स्मृति को समर्पित रहा। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने दौलत सिंह पार्क में हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया। उनके साथ प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद रहीं।

छह फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा को रिज मैदान पर उन महान हस्तियों की मूर्तियों के समीप स्थापित किया गया है, जिनमें हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार, महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी शामिल हैं। अनावरण के समय पूरा रिज वीरभद्र सिंह अमर रहें के नारों से गूंज उठा।

हालांकि सोनिया गांधी ने मंच से भाषण नहीं दिया, मगर इस मौके पर प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन में वीरभद्र सिंह के योगदान को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “हिमाचल में आपदा से भारी तबाही हुई, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक कोई मदद नहीं दी। सुक्खू सरकार बार-बार राहत राशि मांग रही है, मगर भेदभाव की राजनीति के चलते मदद नहीं मिल रही।”

प्रियंका गांधी ने कहा कि वीरभद्र सिंह जैसे नेता जनता से जुड़े हुए, सादगी से जीवन जीने वाले और सेवा को राजनीति का माध्यम मानने वाले थे। उन्होंने कहा कि “आज राजनीति में ऐसे नेताओं की कमी है जो बिना प्रचार के लोगों की भलाई के लिए समर्पित रहें।”

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि “वीरभद्र सिंह की सोच को आगे बढ़ाना हमारा संकल्प है। कांग्रेस की ही देन है कि हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला और यहां के विकास के लिए कई संस्थान स्थापित हुए।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रियंका गांधी के शिमला में घर होने से राज्य में पर्यटन को नई ऊर्जा मिली है।
हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी का आभार जताते हुए कहा कि “आज का दिन हमारे लिए भावनात्मक है। वीरभद्र सिंह भले ही हमारे बीच नहीं हैं, पर आज उनका सम्मान होते देख मन गदगद है।”

वीरभद्र सिंह के पुत्र और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि “मेरे पिता केवल एक राजनीतिक व्यक्तित्व नहीं, बल्कि हिमाचल की आत्मा थे। उनका असली साम्राज्य जनता के दिलों में था। उनकी सादगी और मिलनसार स्वभाव आज भी हर गांव और घाटी में महसूस की जाती है।”
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, सचिन पायलट, दीपेंद्र हुड्डा, रजनी पाटिल, राजीव शुक्ला, और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी मंच पर उपस्थित रहे।
वीरभद्र सिंह, जो रामपुर-बुशहर राजघराने के वंशज थे, ने पहली बार 1983 में मुख्यमंत्री पद संभाला और अपने चार दशक लंबे सार्वजनिक जीवन में छह बार मुख्यमंत्री बने। वे दो बार केंद्रीय मंत्री भी रहे। 2021 में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हुआ, लेकिन हिमाचल की राजनीति में उनका प्रभाव आज भी जीवित है।



