मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में फैसला गया कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़कों पर ब्लैक स्पॉट्स की पहचान एवं उनके सुधार के लिए एक विशेष अभियान आरम्भ किया जाएगा। राज्य में नई सड़कों का निर्माण सड़क सुरक्षा ऑडिटर की स्वीकृति के बाद ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने एवं ब्लैक स्पॉट्स की पहचान करने के लिए पुरानी प्रक्रिया के स्थान पर एक नई प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक व्यस्त सड़कों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेज रफ्तार, लापरवाही एवं शराब के नशे में वाहन चलाना और वाहन चलाते समय मोबाइल के प्रयोग के विषयों पर लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। लोगों को दोषी चालकों के विरूद्ध शिकायतें दर्ज करवाने के लिए उत्साहित किया जाएगा। 93 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं मानव भूल के कारण होती हैं और इसके लिए ड्राईविंग टैस्ट को अधिक सख्त बनाया जाएगा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि यात्रियों को चालक के सम्बन्ध में जानकारी देने तथा उन्हें चालक के प्रशिक्षित होने के संबंध में आश्वस्त करने के लिए सभी परिवहन वाहनों, जिनमें टैक्सियां शामिल हैं, पर चालक के नाम एवं फोटो को प्रदर्शित करना होगा। परिवहन वाहनों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा तथा इसमें किसी भी कोताही को सहन नहीं किया जाएगा। वाहनों की स्थिति के आकलन के लिए ऑटोमैटिक जांच के माध्यम से किया जाएगा तथा बेहतर स्थिति वाले वाहनों को ही सड़क पर चलने की अनुमति दी जाएगी। भारी वाहनों के चालकों को सही टैस्ट के आधार पर ही लाईसेंस दिए जाएंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रशिक्षु ड्राईवर निश्चित समय के लिए प्रशिक्षण पाएं, इसके लिए ड्राईविंग स्कूलों में बायोमैट्रिक प्रणाली को अपनाया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में ऑटोमैटिक ड्राईविंग टैस्ट सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी परिवहन वाहन में ओवर लोडिंग न हो। इसका उल्लंघन करने वालों के प्रति सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार की प्राथमिकता जो कि यात्रियों की सुरक्षा है, जिसके सम्बन्ध में स्कूल प्रशासन को जागरूक किया जाएगा।