<p>राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए जनजातीय क्षेत्रों और बाहरी क्षेत्रों में कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं और गैर-सरकारी संगठनों को जुटाया जाना चाहिए ताकि इन क्षेत्रों के लोग सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठा सकें। दत्तात्रेय ने आज राजभवन में जनजातीय विकास विभाग की प्रगति की समीक्षा करते हुए यह बात कही। राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्रों के लिए प्रदान किए जा रहे पर्याप्त बजट पर संतोष व्यक्त करते हुए विकास योजनाओं की सराहना की।</p>
<p>राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्रों के लिए विशेष योजना विकसित करने के लिए भी कहा ताकि इन क्षेत्रों के लोग गांवों को छोड़ कर पलायन न करें और अधिकारी कार्यों की प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा करें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जनजातीय लोगों की संस्कृति और भाषा का संरक्षण किया जाना चाहिए। जनजातीय विकास आयुक्त ओंकार शर्मा ने विशेष रूप से जनजातीय क्षेत्रों के लिए तैयार की गई विकास योजनाओं और इन योजनाओं के कार्यान्वयन के बारे में प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में आर्थिक पिछड़ेपन के कारण राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है।</p>
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