जिला मंडी में पहली कोरोना वैक्सीन जोनल अस्पताल में कार्यरत स्टाफ नर्स चंचला देवी ने लगवाया जबकि इसके साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेंद्र शर्मा ने भी कोरोना का टीका लगाकर इस महामुहिम की शुरूआत की। मंडी के 165 साल पुराने बिजयी स्कूल में इसके लिए विशेष केंद्र बनाया गया था जहां पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी पहुंचे तथा उन्होंने इस टीकाकरण अभियान का हाल जाना। उन्होंने टीका लगवा चुके लाभार्थियों से भी बात की। शनिवार को राष्ट्रीय लॉन्च पर जिला में 4 जगहों पर टीकाकरण कार्य किया गया, जहां पहले दिन 360 लाभार्थियों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई। शुभारंभ कार्यक्रम में उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री, एडीएम श्रवण मांटा, सीएमओ डॉ. देवेंद्र शर्मा सहित पूरा प्रशासनिक अमला और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने स्कूल में लगाई गई एलईडी स्क्रीन पर प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय लॉन्च कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा और उनका संदेश सुना।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार की गई कोविशील्ड नाम की यह वैक्सीन बेहद प्रभावी व सुरक्षित है। वहीं, उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि शुभारंभ दिन पर जोनल अस्पताल मंडी के तहत विजय वरिष्ठ माध्यमिक छात्र स्कूल में अलावा लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 100-100 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया गया। इसके अलावा करसोग और सुंदरगनर अस्पताल में पहले दिन 80-80 स्वास्थ्य कर्मियों को यह वैक्सीन लगाई गई। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में 18 जनवरी से 1 फरवरी तक के लिए टीकाकरण शेड्यूल तैयार कर लिया गया है। 16 जनवरी के बाद 18, 22, 23, 28 और 30 जनवरी और पहली फरवरी को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। जिला में 111 स्वास्थ्य संस्थानों में टीकाकरण कार्य किया जाएगा।
पहले चरण में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कर्मियों जिसमें स्वास्थ्य महकमे के सभी कर्मियों के साथ साथ आयुष एवं प्राइवेट स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल हैं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का टीकाकरण किया जाएगा। इनकी संख्या लगभग 12 हजार है। इसे लेकर डैटाबेस तैयार किया जा चुका है। उपायुक्त ने बताया कि कोविशील्ड की पहली और दूसरी डोज में 28 दिन का अंतराल होगा। दूसरी डोज लगने के 14 दिन बाद कोरोना के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित होगी। इस तरह पहली डोज लगने से कुल 42 दिन बाद प्रतिरोधक क्षमता का पूर्ण विकास होगा। इसलिए लोग किसी तरह की असावधानी न करें और न कोई भ्रांति पालें।यह भी ध्यान रखें कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसलिए सावधानी बरतने में कोताही न करें। दवाई भी, कड़ाई भी के मंत्र को याद रखें।