सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के लिए मानक संचालन प्रक्रिया अधिसूचित की गई है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विभाग को इस महीने के अंत तक सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) कार्यालयों, उपमंडल कार्यालयों तथा जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालयों में इस योजना के फॉर्म की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
योजना को लागू करने के लिए बनाई गई मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार संबद्ध विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है कि वे लाभार्थियों की सूची तैयार करेंगे, जिसे उपायुक्त स्वीकृत करेंगे।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए फॉर्म शीघ्र ही सीडीपीओ कार्यालयों में उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने सभी से आग्रह किया है कि इस योजना के तहत अपने आसपास के क्षेत्र में अनाथ बच्चों का नामांकन करवाएं ताकि वे योजना के लाभ प्राप्त कर सकें।
यह योजना वर्तमान प्रदेश सरकार की प्रमुख योजनाओं में शामिल है तथा प्रदेश में कानून बनाकर 6000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है।
आवेदन पत्र प्राप्त करने के उपरांत विभागीय अधिकारी दस्तावेज़ों की जांच करेंगे तथा पात्रता का प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री ने विभाग को पूरे राज्य में मिशन मोड पर पात्र बच्चों के फॉर्म भरने के निर्देश दिए हैं।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों को आत्मनिर्भर बनने के लिए सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना आरम्भ की है ताकि वे समाज पर निर्भर न रहें। इन बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा तथा आवास सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक बच्चे के लिए आवर्ती जमा खाता खोला जाएगा, जिसमें राज्य सरकार योगदान देगी।
मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशानुसार विभाग ने योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए निर्धारित फॉर्म को सरल बनाया है जिसमें कम से कम कागज़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। योजना के तहत विवाह अनुदान, कोचिंग अनुदान, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और स्वरोज़गार उद्यम इत्यादि विभिन्न लाभ शामिल हैं।
प्रदेश सरकार 27 वर्ष की आयु तक इन बच्चों के खाने, आश्रय, भोजन, कपड़ों आदि का खर्च भी वहन करेगी। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के दौरान इन बच्चों को जेब खर्च के तौर पर 4000 रुपये प्रति माह का स्टाइपंड दिया जाएगा। इन बच्चों को वर्ष में एक बार तीन सितारा होटलों में रहने और हवाई यात्रा की सुविधा के साथ राज्य के भीतर और बाहर भ्रमण के लिए ले जाया जाएगा। योजना के तहत मकान बनाने के लिए भूमिहीन अनाथ बच्चों को तीन बिस्वा भूमि आवंटन सहित आवास अनुदान का भी प्रावधान है।
Shimla Prison Fight: शिमला के कैथू जेल में शनिवार को दो कैदियों के बीच कंबल…
Free health camp Sujanpur: प्रयास संस्था के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग…
Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…
DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…
Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…
PWD Multi-Task Workers ₹5000: हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग में नियुक्त करीब 4,800…