हिमाचल के पूर्व मुख्य सचिव एवं राज्य चुनाव आयुक्त पी मित्रा पर धारा 118 तहत बाहरी लोगों को जमीन देने के मामले की सुनवाई फोरेस्ट सेशन कोर्ट चक्कर जज वीरेंद्र शर्मा की अदालत में हुई। जिसकी अगली 24 अक्तूबर को रखी गई है। क्योंकि जज आज कोर्ट में हाजिर न थे।
ये है मामला
राज्य निर्वाचन आयुक्त और पूर्व सीएस पार्थसारथी मित्रा पर 2011 में राजस्व विभाग प्रधान सचिव रहते हुए धारा 118 के तहत हिमाचल के बाहरी लोगों को जमीन खरीदने में छूट देने का आरोप है। मित्रा पर राजस्व विभाग के प्रधान सचिव रहने के दौरान एक कारोबारी ने रिश्वत संबंधी शिकायत की थी। साल 2011 का यह मामला धारा-118 का था।
सोलन जिले के परवाणू और हरियाणा के पंचकूला के कारोबारियों ने शिकायत की थी कि मित्रा ने मंजूरी देने के बदले रिश्वत मांगी। शिकायत मिलने पर विजिलेंस ने जाल बिछाकर फोन रिकॉर्ड किए तो उसमें वन विभाग के एक अफसर और मित्रा के बीच कथित बातचीत रिकॉर्ड हो गई।