हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ की राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में राज्य स्तर पर चुने हुए नव निवार्चित पदाधिकारी एवं विभिन्न जिलों एवं विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता महासंघ अध्यक्ष शैलेन्दर शर्मा ने की। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में इस समय विभिन्न विभागों, बोर्डां एवं निगमों में हजारों की संख्या में आउटसोर्स पर कर्मचारी प्रदेश हित में नियमित कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। चाहे वो कोरोना जैसे संकट के समय में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हों या अन्य विभाग के। लेकिन विकट परिस्थिती में जब बात आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों की रक्षा की हो तो इनके साथ हमेशा से ही सौतेला व्यवहार हुआ है। जहां एक तरफ ये कर्मचारी विभिन्न विभागों में नियमित कर्मचारी के साथ बराबर का काम कर रहे है वहीं दूसरी तरफ इनका मेहनताना न के बराबर है जो कि प्रदेश की न्यूनतम मजदूरी दर से भी कम है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में शिमला में बिजली की मरम्मत करते हुए दो कर्मचारियों घायल हो गए जो जिदंगी और मौत के बीच लडाई लड रहे हैं। महासंघ ने इस बात जोर दिया कि इस तरह की घटनाओं में जहां विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों जिनकी लापरवाही से ये घटना हुई, पर कार्यवाही हो तथा सरकार की ओर से उन्हे उचित मुआवजा भी मिले। पिछले काफि समय से इस तरह ही घटनांओं पर अंकुश लगाने के लिए भी उचित कदम उठाने होंगे। सभी जिलों एवं विभागों से आए हुए प्रतिनिधियों ने भी महासंघ को आश्वासन दिया कि महासंघ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे।
महासंघ अध्यक्ष शैलेन्दर शर्मा ने कहा कि महासंघ आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए दिन रात प्रयत्न कर रहा है एवं जहां-2 भी कोई कर्मचारी मुसिबत में होगा महासंघ उसके साथ खडा है। इस बैठक में भविष्य की रणनीति पर भी विस्तृत चर्चा की गई।