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पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष का जयराम सरकार पर जुबानी हमला, लगाए ये आरोप

सचिन शर्मा, मंडी |

हिमाचल सरकार पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर और शक्ति विहीन बनाने के लिए प्रस्ताव लाने जा रही है। जिसका राजीव गांधी पंचायती राज संगठन कड़े शब्दों में निंदा करता है और अगर सरकार ने यह प्रस्ताव रद्द नहीं किया तो आने वाले दिनों में पंचायती राज संगठन प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ेगा। यह बात राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेशाध्यक्ष दीपक राठौर ने अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान सुंदरनगर लोक निर्माण विश्राम गृह में प्रेस वार्ता में कही।

उन्होंने कहा कि सरकार पंचायतों की एनओसी को दरकिनार करके उद्योगपतियों और पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रस्ताव लाने जा रही है। जिससे एक तो पंचायतों की ताकत को कम करने की साजिश रची जा रही है।  तो वहीं दूसरी ओर गरीबों का भी शोषण होगा। उन्होंने कहा है कि यह सब कुछ हिमाचल सरकार प्रदेश में टूरिजम को बढ़ावा देने के लिए धारा 118 में ढील देने की फिराक में है। जिससे प्रतीत हो रहा है कि धारा 118 के साथ छेड़छाड़ करके हिमाचल सरकार प्रदेश को बेचने को आतुर है।

दीपक राठौर ने कहा है कि अगर सरकार पंचायती राज संगठन को मजबूत करने के लिए और आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ करने के लिए काम करती है, तो संगठन सरकार के साथ है। अन्यथा वह इस बात का कड़े शब्दों में विरोध करेगा। जिसका हिमाचल के युवाओं को मात्र ऐसे टूरिस्ट स्थलों पर पकोड़े तलने लाइक ही काम मिलेगा और वह मात्र चौकीदार बनकर ही रह जाएंगे। जबकि हिमाचल की खूबसूरती से ही यहां का वातावरण बनता है और अगर पंचायतों को ही अपने स्तर पर यह तमाम शक्तियां प्रदान की जाए तो एक तो स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। तो वहीं दूसरी ओर पंचायतों की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी।

उन्होंने कहा है कि प्रदेश की 3026 पंचायतों में टुरिज्म के लिए पंचायतों की आइटम को फाइनल करने से लेकर आगे का काम भी पंचायत स्तर पर ही दिया जाए। जिसमें पंचायत प्रतिनिधि, जिला परिषद, पंचायत समिति और सदस्य शामिल होंगे। तो इससे पर्यटन को और भी बढ़ावा मिलेगा और उसमें निखार आएगा। उन्होंने कहा है कि ग्राम सभा में पंचायत द्वारा पास किए गए प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट तक की अदालतभी नहीं बदल सकती, तो बाकी नियम कानून बदलना दूर की बात है। हिमाचल में टूरिज्म की दृष्टि से जो भी काम होगा। उसमें पंचायत को विश्वास में लेकर और उसकी सहमति से ही किए जाएं ताकि पंचायतें अपने स्तर पर सुदृढ़ हो सके।