बच्चों से जुड़े आपराधिक मामलों पर सख्ती के लिए पुलिस मुख्यालय गंभीर दिख रहा है। सभी जिलों के एसपी के माध्यम से सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अब पोक्सो एक्ट में दर्ज होने वाले मामलों की जांच स्पेशल टास्क फोर्स ही करेगी। एसटीएफ को गंभीरता के साथ जांच करनी होगी। साथ ही अभियोजन के दौरान जांच में दोषी पाए गए आरोपी को सजा दिलाने के लिए भी जिम्मेदारी निभानी होगी।
डीजीपी सीताराम मरडी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। बच्चों से यौन शोषण और अन्य तरह के अपराधों में इजाफा हुआ है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं। बच्चों से बढ़ते अपराध के बाद हिमाचल पुलिस ने इससे सख्ती से निपटने की तैयारी की है।
निर्देशों में कहा गया है कि पोक्सो एक्ट में दर्ज मामलों की जांच किसी एक विवेचक के बजाय एसटीएफ गठित कर उससे कराई जाए। पुलिस प्रवक्ता डॉ. खुशहाल शर्मा ने कहा कि महकमे के इस कदम से न सिर्र्फ जांच में गुणवत्ता आएगी बल्कि जांच के किसी भी पहलू से जांच अधिकारियों की नजर नहीं बचेगी। इसकी वजह से कोर्ट में मामला जाने पर आरोपी को बचने का कोई मौका भी नहीं मिलेगा।