देश के करोड़ों छात्र जब 16 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रू-ब-रू हो रहे थे तो उसी समय कुल्लू में एक जाति विशेष के नौनिहाल जात-पात के नाम पर शोषण झेल रहे थे। कुल्लू के एक हाई स्कूल के बच्चों की तरफ से उपायुक्त को लिखे गए शिकायत पत्र में बताया गया है कि स्कूल में टेलीविजन की व्यवस्था न होने से स्कूल प्रबंधन ने पीएम के परीक्षा पर चर्चा नामक कार्यक्रम स्कूल प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष के घर में दिखाने का फैसला किया।
इस शिकायत पत्र में कहा गया है कि जब बच्चे अध्यक्ष के घर पहुंचे तो, स्वर्ण जाति के बच्चों को घर में एंट्री मिली जबकि एक जाति विशेष के बच्चों को बाहर बंधे घोड़ों के बीच बिठाया गया। जब तक पीएम का कार्यक्रम चला, ये बच्चे इन बच्चों को घोड़ों की लीद के बीच बैठना पड़ा।
मिड-डे मील में भी होता है भेदभाद
शिकायत पत्र में यह भी आरोप लगे हैं कि स्कूल में दोपहर के भोजन के दौरान भी स्वर्ण जाति के बच्चों और एक जाति विशेष के बच्चों के बीच भेदभाव किया जाता है। जाति विशेष के बच्चों को अलग बिठाकर खाना दिया जाता है। बता दें कि शिकायत पत्र में एक शिक्षक का नाम भी लिखा हुआ है।
सवालों के घेरे में प्रशासन
इस पूरे मामले ने स्कूल प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है कि टेलीविजन और केबल कनेक्शन नहीं था तो इसकी व्यवस्था क्यों नहीं की गई क्योंकि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम काफी पहले से निर्धारित था। सवाल ये भी खड़ा होता है कि अगर बजट नहीं था तो स्कूल टेलीविजन किराए पर भी ले सकता था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।