हिमाचल प्रदेश के स्कूली छात्र अब खुद अपने सर्टिफिकेट खुद डाउनलोड कर सकेंगे। इसके लिए शिक्षा बोर्ड डिजिलॉकर की सुविधा शुरू करने जा रहा है। स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. सुरेश कुमार सोनी ने कहा कि यह प्रोजेक्ट 3 से 4 चाल पुराना है। इसके लिए नई कंपनी को अधिकृत किया गया है और शर्त रखी गई है कि कंपनी इस सुविधा को चालू वित्त वर्ष में शुरू करेगी। इसके चालू होने के बाद छात्र अपनी यूनिक आईडी डालकर डिजिलॉकर से अपने सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा बोर्ड द्वारा पहले की तरह सर्टिफिकेट भी जारी किए जाएंगे।
सुरेश कुमार सोनी ने कहा कि छोटी कक्षाओं में योग और स्पोर्टस को अनिवार्य किया गया है। योग और स्पोर्टस गतिविधियों में भाग लेने वाले स्टूडेंटस को अंक दिए जाएंगे। शिक्षा बोर्ड ने 9वीं से 12वीं कक्षा तक वैदिक गणित विषय भी शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए भी बोर्ड तैयारी कर रहा है। इसके अतिरिक्त संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए तीसरी से 5वीं तक संस्कृत शुरू करने का भी निर्णय लिया है, जिसके तहत तीसरी और चौथी कक्षा में मात्र ज्ञान बढ़ाने के प्रयास होंगे, जबकि पांचवीं कक्षा में आने पर ही परीक्षा का आयोजन होगा।
वहीं, पर्यावरण संरक्षण और स्टूडेंटस को पौधारोपण हेतू प्रेरित करने के लिए मेरा विद्यालय मेरी वाटिका योजना शुरू की जा रही है। जिसके तहत स्कूल चिन्हित किए जाएंगे और स्कूल परिसर में नवग्रह के पौधे रोपित किए जाएंगे। इस मामले को बोर्ड ने वन मंत्री के समक्ष उठाया था, जिस पर वन मंत्री ने माली सहित पौधे उपलब्ध करवाने की बात कही है। बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि हर स्टूडेंट को उसके जन्मदिन पर पौधा देकर उसका रोपण करने के लिए कहा जाएगा। साथ ही स्कूलों में ही पौधों की नर्सरी भी तैयार की जाएगी, इस पर बोर्ड की ओर से व्यापक तौर पर काम किया जा रहा है।