जिला हमीरपुर में पंचायत स्तर पर खोले गए मुख्यमंत्री पशु औषधालयों में लगभग 1 वर्ष से दवाईयां उपलब्ध नहीं हैं। विभाग द्वारा 1 वर्ष से किसी भी तरह की दवाईयों की सप्लाई पशु औषधालयों में नहीं दी गई है। जिस कारण पशु पालकों को पशुओं के लिए दवाई मेडिकल स्टोर से लेकर अपने पशुओं का इलाज करवाना पड़ रहा है।
स्थानीय पशु पालकों का कहना है कि पंचायत स्तर पर खोले गए इन पशु औषधालयों का किसी भी प्रकार का फायदा आम जनता को नहीं हो पा रहा है। एक ओर तो प्रदेश सरकार पशु पालकों की आय को दोगुना करने की बात कर रही है, तो दूसरी ओर विभाग इन औषधालयों में दवाईयों की सप्लाई उपलब्ध नहीं करवा पा रही है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। पशुपालकों ने विभाग से मांग की है कि पंचायत स्तर पर खुले हुए पशु औषधालयों में शीघ्र ही दवाइयों की सप्लाई उपलब्ध करवाई जाए, ताकि पशु पालकों को आ रही समस्या का समाधान हो सके।
गौरतलब है कि जिला हमीरपुर में लगभग 98 पशु औषधालय हैं। जिसमें उपमंडल बड़सर में लगभग 30 पशु औषधालय पंचायत स्तर पर खोले गए हैं। हमीरपुर जिला के सभी पशु औषधालयों में 1 वर्ष से दवाईयों की सप्लाई नहीं आई है। जिस कारण पशु पालकों को मेडिकल स्टोर से अधिक दाम देकर खरीदना पड़ रहा है। कई बार तो जब गरीब पशुपालक अपने पशु को लेकर औषद्यालय में आता है और वहां पर किसी भी तरह का विभागीय प्राथमिक उपचार संभव नहीं मिलती तो औषधालयों के प्रभारियों को सामूहिक रूप से अपमानित भी होना पड़ रहा है।
उधर, पशु विभाग हमीरपुर उपनिदेशक डॉ. सुशील कुमार ने बताया कि बजट न होने के कारण पशु औषधालयों में दवाईयों की सप्लाई नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि 15 दिन पहले ही बजट आया है और दवाईयों की डिमांड भेज दी है। उन्होंने कहा कि जैसे ही दवाईयों की सप्लाई आती है वैसे ही पशु औषधालयों में दवाईयों की सप्लाई भेज दी जाएगी।