शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज शिमला जल प्रबंधन निगम के साथ बैठक की जिसमें शिमला शहर के वासियों को प्राप्त पानी के बढ़े हुए बिलों पर चर्चा की गई। मंत्री ने कहा कि जनता को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने शिमला जल प्रबंधन निगम को इन बिलों की जांच करने और उचित कदम उठाने को कहा।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान सरकार ने लोगों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने में हर संभव प्रयास किए हैं। पानी मानव जीवन के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है और इसके बिना जीवन की कल्पना करना भी असंभव है। शिमला में लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। शिमला शहर के लिए एक हजार करोड़ रुपये की विश्व बैंक पोषित जलापूर्ति परियोजना को साल 2023 तक शिमला जल प्रबन्धन निगम द्वारा पूर्ण किया जाएगा।
इस अवसर पर शिमला जल प्रबंधन निगम के प्रबन्ध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी धर्मेन्द्र गिल ने कहा कि लोगों द्वारा पानी के बिलों से सम्बन्धित मामलों को शीघ्र सुझाया जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों से पानी के बिल बढ़े है और इसमें शीघ्र ही सुधार किया जाएगा। स्वतंत्र निदेशक, शिमला जल प्रबंधन निगम दिग्विजय चैहान ने शिक्षा मंत्री को विश्वास दिलाया कि पानी के बिलों में अनियमितता पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि घरेलू, व्यावसायिक और निर्माण कनैक्शन के अतिरिक्त अन्य विकल्प पर विचार किया जाएगा ताकि लोगों को राहत पहुंचाई जा सके।