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Work From Home के दौरान साइबर अटैक से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

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लॉकडाउन के इस समय अधिकतर काम डिजिटली हो रहे हैं, चाहे वो बिज़नेस मीटिंग, कंपनी प्रेजेंटेशन, सरकारी काम हो या बच्चों के स्कूल और कोचिंग क्लासेज। ऐसे में साइबर अटैक का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। ऑफिस और वर्क प्लेस के सिक्योर नेटवर्क की जगह इस समय अधिकांश लोग अपने पर्सनल डिवाइसेस से लॉगइन कर रहे हैं, ऐसे में इन्हें अटैक करना हैकर्स के लिए आसान होता है। ऐसे में सोशल मीडिया और कई वेबसाइट्स पर दर्ज़नों फेक मेसेज और लिंक भरे रहते हैं, जो कभी कोरोना के बारे में जानकारी देने का दावा करते हैं तो कभी आपके एरिया में कोरोना के मरीजों की जानकारी। इनमें से कई एम्प्लॉयमेंट फंड्स के बारे में जानकारी देने के भी लुभावने तरीके लेकर आते हैं, ताकि लोग इनपर क्लिक करने को मजबूर हों।

अधिकतर फेक UPI id और मेसेज अन अधिकृत (unauthorized) सोर्स से आते हैं। इन फेक लिंक पर क्लिक करने पर आपका स्मार्ट फ़ोन और लैपटॉप हैक हो सकता है, जिससे साइबर अटैक का खतरा बढ़ता है। ऐसे में अपने सिस्टम को सिक्योर रखने और साइबर अटैक से बचने पर बहुत ध्यान देने की ज़रूरत है। ई-मेल, मैसेज और व्हाट्सऐप या फोन पर- तीनों ही माध्यमों से किसी संस्थान या व्यक्ति को बैंक डिटेल, डेबिट कार्ड, क्रेडिट, ऑनलाइन बैंकिंग, पेमेंट बैंक या वर्चुअल ऐप वॉलैट कि जानकारी शेयर नहीं करें। साइबर चोर इन तरीकों से लालच देकर लूटते हैं। किसी भी सूरत में अनजान लिंक को नजरअंदाज करें और उसे नहीं खोलें।

पासवर्ड सुरक्षा- हर एक अकाउंट के लिए अलग-अलग पासवर्ड का उपयोग करें। सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें। स्ट्रोक लॉगर और दूसरे मालवेयर से बचने के लिए हमेशा अपडेटेड रखे। अनजान वेबसाइट पर अपनी जानकारी जैसे ई-मेल के साथ उसका ओरिजिनल पासवर्ड नहीं रजिस्टर करें। ऐसे गैजेट्स पर पासवर्ड दर्ज करने से बचें, जिन्हें आप कंट्रोल नहीं करते हैं। जैसे घर में दूसरे सदस्यों के फोन, लैपटॉप या टैब पर ऐसा करने से बचें। इनके जरिए आपका पासवर्ड चुराया जा सकता है। अन सिक्योर वाई-फाई कनेक्शन में पासवर्ड रजिस्टर करने से बचें। हैकर्स इस असुरक्षित कनेक्शन पर आपके पासवर्ड और डेटा को चुरा सकते हैं। सोसाइटीज में आमतौर पर बिना पासवर्ड वाले वाई-फाई कनेक्शन लोग खोल लेते हैं, जो उन्हें भारी पड़ सकता है।

अपने पासवर्ड को समय-समय पर बदलना अपनी आदत बना लें। पासवर्ड कम से कम 8 करेक्टेर्स का ज़रूर रखें, जिसमे लोअर, अपर केस के अक्षर हो और कुछ स्पेशल करेक्टर भी हों। पासवर्ड के साथ अपने USB डिवाइस को सेफ रखें और अपने USB में डेटा एक्सेस कापी करने के लिए USB सेफ्टी उत्पादों का उपयोग करें। स्ट्रांग पासवर्ड के साथ अपने डाक्यूमेंट्स को हमेशा सिक्योर रखें।

ब्राडबैंड इंटरनेट एक्सेस में सावधानी-

सही निर्माता के अनुशंसित लीगल वेबसाइटों से ड्राइवर डालनलोड करें। मॉडेम के साथ डेवलपर की दी की गई इलेक्ट्रिक एडप्टर का उपयोग करें। बिना फिल्टर के किसी ब्राडबैंड इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग न करें। असुरक्षित कंप्यूटर/लैपटॉप के साथ यूएसबी ब्राडबैंड मॉडम का उपयोग करें। वाई-फाई के मामले में अज्ञात या अविश्वस्त नेटवर्क से कनेक्ट न करें। वाईफाई एक्सेस पासवर्ड कठिन रखें, ताकि उसमें कोई प्रवेश कर दुरुपयोग नहीं कर सके।

जरूरी है साइबर सुरक्षा

कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। डिजिटल भारत कार्यक्रम की सफलता काफी हद तक साइबर सुरक्षा पर निर्भर करेगी। अत: भारत सरकार को इस क्षेत्र में तीव्र गति से कार्य करना होगा। लोगों को सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हैकर्स ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाते हैं। सोशल मीडिया का सावधानीपूर्वक उपयोग हमें ऑनलाइन ठगी तथा साइबर अपराध के गंभीर खतरों से बचा सकता है। साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।

अपनी निजी जानकारी किसी से साझा न करें

कोरोना के दौर में ऑनलाइन ख़रीददारी में जहां बढ़ोतरी हुई है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं। डिजिटल प्लेटफार्म पर सूचनाओं का प्रवाह करते समय बहुत अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता है। जहां तकनीक ने हमारा जीवन सुविधा संपन्न बनाया है, वहीं दूसरी ओर सोशल साइट्स के माध्यम से हमारी निजी सूचनाओं को भी सार्वजनिक किया है। बड़ी आबादी अपने रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऑनलाइन साइट्स पर निर्भर है। इसके कारण ऑनलाइन ठगी आज एक आम समस्या बन गई है। आए दिन जनता साइबर क्राइम का शिकार बन रही है। इस प्रकार की ठगी से तभी बचा जा सकता है, जब ऑनलाइन लेन-देन करते समय हम सतर्क और सावधान रहें। हमें सूचनाओं को सार्वजनिक करते समय भी सूझबूझ का परिचय देने की आवश्यकता है। बैंक निर्देशों का पालन करते हुए भी अपनी निजी जानकारियां साझा नहीं करनी चाहिए।

सावधानी और गोपनीयता जरुरी

साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए जरूरी है की हम जागरूक, सतर्क और सावधान रहें। यह अत्यंत आवश्यक है की हम अपनी निजी जानकारी किसी के साथ भी साझा न करें। अपने बैंकिंग पासवर्ड, एटीएम या फोन बैंकिंग पिन, कार्ड का सीवीवी नंबर, समाप्ति तिथि किसी से शेयर न करें। इसके साथ ही आसान पासवर्ड एवं पासवर्ड रिकवरी सेटिंग में ऐसे प्रश्नों को सम्मिलित न करें, जिसका आसानी से जवाब दिया जा सकता है। यदि किसी के साथ साइबर अपराध हो जाए, तो उसे तत्काल हेल्पलाइन नंबर एवं साइबर अपराध सेल में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।

महिलाएं और बुजुर्ग आसान शिकार

महिलाएं एवं बुजुर्ग साइबर अपराधियों के आसान शिकार होते हंै। कुछ एक बातों पर ध्यान दें, तो इस मुसीबत से बचा जा सकता है। एटीएम मशीन का अभ्यास बहुत अच्छे से करें, ताकि आपको किसी की मदद की जरूरत नहीं पड़े। यदि पड़े तो भी सिर्फ सुरक्षा गॉर्ड की मदद लें। एटीएम से निकली पर्चियों को इधर-उधर ना फेंके। पैसे निकालते समय कोशिश करें कि आप मशीन पर अकेले हों और कोई आपके पिन को ना देखे। महिलाएं अपने फोटो व जानकारियों को सोशल साइट्स पर ना डालें। मिस्ड कॉल्स, अनजान लिंक्स व पोर्न साइट्स को टालें। बैंक से फोन आने पर कुछ भी जानकारी शेयर ना करें, बल्कि बैंक जाकर सारी बातें स्पष्ट करें।

बदलते रहें पासवर्ड

साइबर अपराधों पर नियंत्रण रखने के लिए लोगों को स्वयं जागरूक होना होगा। लोगों को इसकी रोकथाम के लिए कुछ प्रभावी उपाय अमल में लाए जाने चाहिए। जैसे कि क्रेडिट कार्ड से खरीद की सीमा रखना, सिस्टम में एंटीवायरस लगवाना, अनचाहे लिंक्स पर क्लिक न करना। लोगों को फेसबुक,वॉट्सएप और ईमेल से आने वाले अनचाहे लिंक्स पर क्लिक नहीं करना चाहिए और अपना पासवर्ड बदलते रहना चाहिए।

व्यक्तिगत सजगता जरूरी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपनी निजी जानकारियां साझा न करें। अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें, क्योंकि सबसे ज्यादा अपराध इसी वजह से होते हैं। बच्चे ऑनलाइन गेम्स के आदी न बनें। साथ ही ऑनलाइन खरीददारी अच्छे प्लेटफॉर्म से करें। अनजान नंबार से भेजे गए वेब लिंक पर क्लिक करने से बचें, क्योंकि इन सब का मिस यूज होता है। मुद्रा स्थानांतरित करने के लिए विभिन्न ऐप के प्रलोभन में न पड़ें। लोग थोड़े से लालच के चक्कर में फंस कर अपनी सारी जमा पूंजी गंवा देते हैं।

सावधानी हटी, दुर्घटना घटी

साइबर अपराधों पर नियंत्रण केवल जागरूकता संभव है। साइबर युग में एक बड़ा वर्ग मोबाइल व नेटवर्किंग से जुड़ा हुआ है। आज के समय में अनेक ऐसी सोशल साइट हैं, जिनके माध्यम से लोग नौकरी लॉटरी व अन्य कई लालच देकर हमें फंसाते हैं। टेक्नोलॉजी बुरी है या अच्छी यह हमारे इस्तेमाल पर निर्भर है। सबसे पहले साइबर शिक्षा की शुरुआत विद्यालयों और शिक्षकों से करनी चाहिए। साइबर अपराध से बचने का सर्वोत्तम उपाय केवल सावधानी है।

सरकार साइबार सुरक्षा पर ध्यान दे

सरकार डिजीटल क्रांति पर बल दे रही है। इसके साथ ही साइबर सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके बाजवूद सबसे अच्छा उपाय तो जागरूकता ही है। साथ ही इंटरनेट चलाते समय कभी भी अपनी जानकारी किसी के साथ साझा न करें। सरकार को साइबर अपराध रोकने के लिए कठोर कानून बनाना होगा।

जरूरी है सावधानी

आजकल ऑनलाइन को पूरी तरह नहीं छोड़ा जा सकता। इसलिए सावधानी जरूरी है। सुरक्षा के लिए आ रहे नए तरीकों को भी अपनाएं। फिर भी कोई समस्या हो तो कानून का सहारा लेना चाहिए। सोशल मीडिया पर अपनी निजी तस्वीरें डालने से बचें, उनका कोई भी इस्तेमाल कर सकता है। अपने अकाउंट पर प्राइवेसी सेटिंग को पब्लिक न करें। अगर किसी समस्या में फंस जाते हैं, तो घबराए नहीं। पुलिस को इसकी जानकारी दें।

नई तकीनीक की जानकारी रखें

साइबर अपराध रोकने के लिए जनता को जागरूक होना पड़ेगा। साथ ही लालच से दूर रहना होगा। सरकार को कड़े कानून एवं कड़ी सजा का प्रावधान करना होगा।आम जनता को नर्ई तकनीक से रुबरु होना चाहिए, ताकि ठगों से बच सके।

सरकार की अनदेखी

भारत में जहां इंटरनेट यूजर्स की संख्या में जबर्दस्त बढ़ोतरी हो रही है, वहीं इसी अनुपात में साइबर क्राइम भी दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। एक तरफ सरकार डिजिटलाइजेशन व इंटरनेट के इस्तेमाल पर पूरा जोर दे रही है, वहीं दूसरी तरफ इंटरनेट के उपयोग से होने वाली विसंगतियों की तरफ पर्याप्त ध्यान केंद्रित नहीं कर रही है। सवाल यह हैं कि वर्चुअल वर्ल्ड में क्या डेटा सुरक्षित, संरक्षित व गोपनीय है? सरकार व साइबर एक्सपर्ट शरारती तत्वों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करे।

जरूरी है जागरूकता

डिजिटल के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर क्राइम में भी दिनोंदिन बढ़ोतरी होती जा रही है। इसे रोकने लिए सरकार सख्त कदम भी उठा रही है, लेकिन हमें स्वयं को भी जागरूक होना पड़ेगा। पुलिस लोगो को साइबर क्राइम से बचने के उपाय बताए।

जानकारी किसी से साझा न करें

अपने मोबाइल फोन में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें और ऐप्स को अपडेट रखें। अपनी निजी जानकारियां शेयर ना करें। बैंक खाते की जानकारी किसी को ना दें।