<p>टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा में आज नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल( NMC) के विरोध में प्रशिक्षु डॉक्टरों बाजुओं पर काला कपड़ा बांध कर इस बिल का विरोध जताया है। इनका कहना है कि यह बिल प्रशिक्षुओं के हित में नही है और यह बिल प्राइवेट स्वास्थ्य संस्थानों के लिए लाभ दायक है अगर बिल को पास किया गया तो धरना प्रदर्शन जारी रहेंगे।</p>
<p>वहीं, सेंट्रल स्टूडेंट एसोसिएशन टांडा अस्पताल के प्रेसिडेंट डॉ. तेंनजिन ने बताया कि इस बिल को पारित कर सरकार डॉक्टरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है और अगर यह पास हो जाता है तो इससे डॉक्टरों में बेरोजगरी छा जाएगी और प्राइवेट स्वास्थ्य संस्थानों को बढ़ावा मिलेगी। उन्होंने कहा इस बिल में कई ऐसे बिंदु है जो डॉक्टरों के हित में नहीं है। इसके आलाव बिल के अंदर दोहरी परीक्षा पद्दति को जोड़ा गया है जोकि नए डॉक्टरों के हित में नहीं है।</p>
<p>इस बिल के अनुसार अगर कोई आयुर्वेदिक डॉक्टर का प्रशिक्षण हासिल करता है तो 6 महीने की प्रैक्टिस के बाद वह भी एमबीबीएस डॉक्टर के बराबर हो जाएगा और वह भी एलोपैथी की प्रैक्टिस कर सकता है।</p>
<p>उन्होंने कहा कि उनका सरकार और मेडिकल कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया से यह अनुरोध है कि इस बिल को वापस लिया जाए। इस बिल के विरोध में आज पूरे भारत के प्रशिक्षु डॉक्टर उतरे हैं और अगर यह बिल वापिस नहीं लिया गया तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।</p>
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