डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में जल्द ही मरीजों को पूर्ण विकसित डायलिसिस सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इस सुविधा के शुरू होने से किडनी रोगियों को डायलिसिस के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिहं परमार ने मेडिकल कॉलेज टांडा में रेबीज के खिलाफ कंसोर्टियम के 7वें राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर दी। इस सम्मेलन का आयोजन सामुदायिक चिकित्सा विभाग टांडा द्वारा किया जा रहा है। इस सम्मेलन में देशभर के 11 राज्यों के लगभग 150 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गम्भीर बीमारियों जैसे पार्किन्सन, कैंसर, पैरालिसिस, मस्कुलर, डिस्ट्रफी, हीमोफीलिया, थैलासीमिया, रीनल फेलियर इत्यादि से ग्रस्त व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त निरंतर देखभाल की आवश्यकता रहती है। इनको वित्तिय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से एक नई ‘‘सहारा योजना शुरू’’ की है। योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को वित्तीय सहायता के रूप में दो हजार रुपये प्रति माह प्रदान किये जायेंगे।
मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जा रहा है। टांडा, धर्मशाला, चम्बा, हमीरपुर, नाहन, मंड़ी में बीएससी नर्सिंग की क्लासें शुरू की जाएंगी। उन्होंने बताया कि टांडा कॉलेज सहित सभी सिविल अस्पतालों तथा हेल्थ सेंटरों में एंटी रेबीज के टीके उपलब्ध करवा दिए गये हैं।