<p>मंडी जिले के कोटरोपी त्रासदी की जांच के लिए जियोलॉजी विभाग की टीम पहुंच मौके पर पहुंच चुकी है। जियोलॉजी विभाग की टीम इस बात की जांच करेगी कि आखिर कैसे पहाड़ में बड़ा भू-स्खलन हो गया। गौरतलब है कि यह भू-स्खलन हिमाचल प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ी है।</p>
<p>वहीं, इस बड़ी त्रासदी का आंकलन करने के लिए प्रदेश सरकार के अतिरिक्त सचिव तरुण श्रीधर भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बुधवार शाम को कोटरोपी में हादसे वाली जगह का जायजा लिया। तरुण श्रीधर उस जगह भी पहुंचे जहां से पहाड़ टूट कर अलग हुआ है। उनके साथ मंडी का पूरा प्रशासन भी साथ-साथ निरीक्षण कर रहा था।</p>
<p>मीडिया से बातचीत में तरुण श्रीधर ने बताया कि एक टीम आपदा में जानो-माल की हुई हानि का जायजा ले रही है। वह खुद इस मामले को देख रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण लोगों की हानि की पूरी भरपाई की जाएगी। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि भू-स्खलन के हिस्सा समेत 2 किलोमीटर का दायर काफी संदिग्ध है। श्रीधर ने बताया कि जल्द ही नेशनल हाईवे पर वाहनों की आवागमन को सुनिश्चित करने की तैयारी चल रही है। लेकिन, इसमें अभी कुछ वक्त लग सकता है। गौरतलब है कि वीरवार को मंडी में सभी अधिकारियों के साथ वर्तमान चुनौतियों से निपटने पर चर्चा की जाएगी।</p>
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