हिमाचल प्रदेश को टीबी रोग से पूरी तरह मुक्त करने के लिए राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई मुख्यमंत्री क्षय रोग निवारण योजना के तहत एक से 15 जनवरी तक टीबी मुक्त पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत कुल्लू में भी टीबी उन्मूलन के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। एडीएम अक्षय सूद ने स्वास्थ्य विभाग, अन्य विभागों और संस्थाओं के अधिकारियों के साथ बैठक करके इस विशेष अभियान की तैयारियों की समीक्षा की।
एडीएम ने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है। प्रदेश सरकार ने हिमाचल में इस लक्ष्य को वर्ष 2021 तक हासिल करने का संकल्प लिया है। अक्षय सूद ने कहा कि पहली जनवरी से आरंभ होने वाले टीबी मुक्त पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर टीबी रोगियों का पता लगाएगी। टीबी रोगी का पूरी तरह इलाज संभव है और अगर किसी व्यक्ति में इसके लक्षण पाए जाते हैं तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए।
सरकार टीबी का मुफ्त इलाज करवाती है और निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी रोगी को प्रति माह 500 रुपये पोषण सहायता भी उपलब्ध करवाती है। अक्षय सूद ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस अभियान में अन्य विभागों, पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों और विभिन्न संस्थाओं का भी सहयोग लें। उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सकों, दवा विक्रेताओं और निजी अस्पतालों के चिकित्सकों से भी टीबी के मामलों को तुरंत स्वास्थ्य विभाग के ध्यान में लाने की अपील की।
बैठक में अभियान का विस्तृत ब्यौरा पेश करते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. विक्रम कटोच ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा समय से खांसी हो, शाम के समय बुखार आता हो, बलगम में खून आ रहा है, गर्दन या बगल में गांठ हो तथा भूख और वजन कम हो रहा है तो उसे टीबी हो सकता है।