22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर देशभर में उत्साह है. भारतवर्ष में लोग इसे पर्व के रुप में अपने-अपने ढंग से मना रहे हैं. इसी कड़ी में शिमला में उमंग फाउंडेशन की ओर से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया.
जिसमें हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भगवान राम को भारत की सांस्कृतिक विरासत बताया. उनसे सीख लेने की बात कहते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस उत्सव में सभी को धूम धाम से मनाना चाहिए.
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राम मंदिर आंदोलन के काल को याद करते हुए कहा कि वह समय गोलियों का समय था और आज भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का समय है. उन्होंने कहा कि राम की प्राण प्रतिष्ठा धर्म के लिए नहीं बल्कि सांस्कृतिक रूप से जरूरी है. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भगवान राम ने जीवन भर संस्कृतियों को जोड़ने का काम किया.
राज्यपाल ने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि जिस तरह प्रेम भाव से शबरी ने भगवान राम को मीठे फल खिलाने के भाव से जूठे बेर खिलाए. ठीक उसी तरह से देश की जनता को भी कड़वाहट से दूर रहकर समाज में मिठास लानी चाहिए. इस दौरान राज्यपाल ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जिस तरह का व्रत प्राण प्रतिष्ठा के लेकर रहे हैं लोगों को उन्हें साधुवाद देना चाहिए.
इसके अलावा राजभवन में भी प्राण प्रतिष्ठा के दिन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसको लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि राज भवन से वह भी सजीव चित्र के जरिए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे. उन्होंने कहा कि राजभवन को पहले ही सजा दिया गया है और कल प्राण प्रतिष्ठा के दिन सुंदरकांड का भी राज भवन में पाठ किया जाएगा जिसमें सभी का स्वागत है और राजभवन सभी के लिए खुला रहेगा.
वहीं अयोध्या राम मंदिर जाने को लेकर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि वह अयोध्या के निकट के रहने वाले हैं उन्होंने वह वक्त भी देखा है जब वहां विवादित ढांचा हुआ करता था. वह दौर भी देखा जब श्री रामलला टेंट में विराजमान थे.
उन्होंने कहा कि अभी उनके जाने की तिथि तय नहीं है लेकिन वे चाहते हैं कि कुछ लोग वहां जाएं और भगवान राम के दर्शन करें. हम भी जल्द जाएंगे और देखेंगे कि अब किस तरह के महल में रामलला विराजमान है.