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सरकार की पशुपालकों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं के दावे फेल, ढुलमुल कार्यप्रणाली का मामला आया सामने

मृत्युंजय पुरी |

वैसे तो प्रदेश सरकार पशुपालन से जुड़े लोगों की कल्याणकारी योजनाओं का बखान करने के दावे करती है। लेकिन उन दावों की सच्चाई कुछ और ही सच्चाई बयां करती है। जिला कांगड़ा के शाहपुर उपमंडल की बोह पंचायत के लाम गांव में ही ढुलमुल कार्यप्रणाली का ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां खाई में गिरने से 2 दिन पहले एक खच्चर की मौत हो चुकी है लेकिन पशुपालक को राहत देने की जगह परेशानी बढ़ाने में आमदा है।

आलम यह है कि मृत पशु से बदबू आने शुरू हो चुकी है लेकिन संबधित विभाग छुट्टी होने का बहाना बनाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रहा है। इसी परेशानी से तंग आकर पीड़ित व्यक्ति ने स्थानीय उप प्रधान के माध्यम से प्रदेश कांग्रेस महासचिव केवल सिंह पठानिया से फौरी सहायता मुहैया करवाने की गुहार लगाई है।

 यह है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक उक्त क्षेत्र के जोगिंदर सिंह पुत्र बद्री राम गांव बोह, तहसील शाहपुर की खच्चर की 24 जनवरी को ढांक से गिरने के चलते मौत हो गई। अपनी आजीविका के साधन खोने वाले जोगिंदर ने तुरंत स्थानीय पंचायत के उप प्रधान को इसकी सूचना दी। इसके साथ ही पशुपालन विभाग और उप मंडल अधिकारी को सहायता मुहैया करवाने की गुहार लगाई। घटना के 2 दिन बाद भी मौके पर कोई नहीं पहुंचा तो उपप्रधान पप्पू राम ने केवल सिंह पठानिया के समक्ष मामले को उठाया। जिसके बाद इस मामले को प्रशासन और मीडिया के ध्यान में लाया गया।

उधर, इस मामले में पशुपालन विभाग के कांगड़ा जिला के उपनिदेशक डॉ. संजीव धीमान से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला ध्यान में आया है और दरिणी पशु चिकित्सालय केंद्र के इंचार्ज को बनती कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए हैं।