<p>शिमला में सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इन्डस्ट्री जीएसटी लगने के बाद ख़तरे में पड़ गई है। एसोसिएशन जीएसटी लगने का विरोध नहीं कर रहे है। बल्कि एसोसिएशन मांग कर रही है कि जीएसटी सिक्योरिटी इंडस्ट्री से न लेकर सीधा ग्राहक यानी कि सर्विस लेने वालों से बसूल किया जाए।</p>
<p>एसोसिएशन के चेयरमैन कुंवर विक्रम सिंह का कहना है कि सिक्योरिटी इंडस्ट्री को सर्विस प्रोवाइड करवाने के बाद ग्राहक तीन तीन माह बाद पैसा देते हैं लेकिन, सिक्योरिटी इंडस्ट्री को हर महीने सिक्योरिटी गार्ड को वेतन और जीएसटी देनी पड़ती है। ऐसे में सरकार से बार बार मांग करने के बाबजूद उनकी नहीं सुनी जा रही है। मज़बूर होकर 18 जुलाई को देश भर के जीएसटी कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरने प्रदर्शन किए जाएंगे।</p>
<p>भारत में 20 हज़ार निज़ी सुरक्षा कंपनियों में 80 लाख गार्ड काम कर रहे हैं। 18 फ़ीसदी जीएसटी लगने के बाद देश भर में 812 कंपनियां बन्द हो चुकी है। हिमाचल में 100 से ज्यादा निज़ी सुरक्षा कंपनियां है।</p>
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