हिमाचल

दीपावली पर मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना से जगमगाएगा निराश्रितों का आंगन

इस दीपावली पर जब प्रदेश भर में माँ लक्ष्मी की आराधना में लाखों दिए जलाये जाएंगे तो इनमें कई ऐसे दिए भी होंगे जो प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत प्रदान किये जा रहे उत्सव भत्ते के कारण रोशन होंगे।

जब प्रदेश के लाखों घरों में खुशियों की फुलझड़ियां जल रही होंगी तो कई चेहरे इसलिए खिल रहे होंगे क्यूंकि वो अब निराश्रित नहीं बल्कि ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ हैं यानी कि प्रदेश सरकार उनकी माता और पिता है। इस बार बाल देखभाल संस्थानों में रह रहे बच्चों के आँगन में भी दिए जगमगाएंगे, पटाखे फूटेंगे और मिठाइयां बंटेगी।

वह भी दीपावली उत्सव धूम-धाम से मनाएंगे। यह सब संभव हो पाया है मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के संवेदनशील नेतृत्व वाली सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्त्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के कारण।
वर्तमान प्रदेश सरकार ने राज्य के बाल देखभाल संस्थानों में रह रहे बच्चों (चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट) को दीपा

वली पर्व पर उत्सव भत्ते के रूप में 5,27,000 रुपये जारी कर दिए हैं। इसके अलावा इन संस्थानों को भी दीपावली के उपलक्ष्य पर 3,27,500 रुपये जारी किये गए हैं ताकि इन संस्थानों में भी इस त्यौहार से सम्बन्धी सभी तैयारियां समय पर सुनिश्चित की जा सके

सरकार द्वारा सभी ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ को त्यौहारों पर उत्सव भत्ते के रूप में 500 रूपए प्रति बच्चा प्रदान किये जाते हैं। इसके अलावा उन बाल देखभाल संस्थानों को, जिनमें बच्चों के रहने कि क्षमता 25 या इससे कम हो, उन्हें 5,000 तथा 25 से अधिक की क्षमता वाले बाल देखभाल संस्थानों को 10,000 रूपए प्रदान किये जाते हैं।

इससे पूर्व राज्य सरकार ने दशहरा उत्सव पर भी उत्सव भत्ते के रूप में इन बच्चों को 5,27,000 रुपये व बाल देखभाल संस्थानों को 3,27,500 रुपये जारी किये थे। इन त्यौहारों पर सरकार द्वारा कुल 17,09,000 रुपये जारी किए गए हैं।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार के गठन के तुरंत बाद अपने पहले निर्णय में समाज के संवेदनशील आश्रित वर्ग का सहारा बनने का संकल्प लेते हुए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की शुरुआत की थी। मानवीय संवेदनाओं को अधिमान देते हुए सरकार ने अनाथ बच्चों और अन्य निराश्रितों के उत्थान के लिए कई कदम उठाये हैं।

प्रदेश सरकार 27 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को 4,000 रुपये मासिक जेब खर्च, कोचिंग के लिए एक लाख, तीन बिस्वा भूमि और मकान निर्माण के लिए 3 लाख रुपये, विवाह के लिए दो लाख रुपये का अनुदान और सूक्ष्म व लघु उद्योग लगाने के लिए दो लाख रुपये का अनुदान प्रदान कर रही है।

जनहितैषी मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष का भी गठन किया गया है जिसमें मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने एक माह का वेतन तथा कांग्रेस विधायकों ने एक-एक लाख रुपये दिए हैं। दानी-सज्जन भी इसमें यथासंभव योगदान दे रहे हैं। इस कोष के गठन का उद्देश्य जरूरतमंदों के लिए निकट भविष्य में सुविधा, सम्पन्नता और सामान अवसर के मार्ग प्रशस्त करना है।

इन हितकारी निर्णयों से यह स्पष्ट है की प्रदेश सरकार सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं अपितु व्यवस्था परिवर्तन के उद्देश्य को सार्थक करने के संकल्प के दृष्टिगत कल्याणकारी निर्णय ले रही है और इस नीति वाक्य को अपना मूल सिद्धांत मानकर आगे बढ़ रही है।

Kritika

Recent Posts

महाराष्ट्र में एनडीए की ऐतिहासिक जीत, भाजपा ने रचा नया इतिहास: उषा बिरला

NDA Victory in Maharashtra: भारतीय जनता पार्टी की जिला उपाध्यक्ष उषा बिरला ने महाराष्ट्र में…

7 hours ago

कंबल को लेकर कैथू जेल में भिड़े दो कैदी, एक गंभीर रूप से घायल

Shimla Prison Fight: शिमला के कैथू जेल में शनिवार को दो कैदियों के बीच कंबल…

9 hours ago

सुजानपुर में सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा का शिविर, 45 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण

Free health camp Sujanpur: प्रयास संस्था के माध्यम से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग…

10 hours ago

कांगड़ा एयरपोर्ट की 14 फ्लाइट्स रद्द, जानें कारण, क्‍या है समस्‍या और समाधान

Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…

10 hours ago

परिवहन में डिजी लॉकर को मान्यता न देने पर दिव्‍यांग कल्‍याण संगठन ने जताई नाराजगी

DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…

11 hours ago

हमीरपुर में तकनीकी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह में 4801 को मिली डिग्रियां

Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…

11 hours ago