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सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाओं को शुरू करने का फ़ैसला आगनबाड़ी केंद्रो पर भारी

पी. चंद, शिमला |

शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्यां बढ़ाने के मक़सद से प्री नर्सरी कक्षाएं तो शुरू कर दी हैं लेकिन ये फ़ैसला आंगनबाड़ी केंद्रों पर भारी पड़ता नज़र आ रहा है। क्योंकि अब जो छोटे बच्चे आगनबाड़ी केंद्रों में जाते थे वह अब सीधा प्री नर्सरी में दाखिला ले रहे हैं। ऐसे में आंगनबाड़ी वर्कर्स को अपनी नौकरी खोने का डर सता रहा है।

इसी बीच ख़बर ये भी है कि जो भी न्यूट्रिशन बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों से मिलता रहा अब उसकी सब्सिडी को खाते में डालने की तैयारी भी चल रही है। यदि ऐसा होता है तो प्रदेश में तैनात 35000 से ज़्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का क्या होगा। यही परेशानी आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सता रही है।

एनसीईआरटी सोलन के सर्वे में सरकारी स्कूल में प्राइमरी कक्षाओं में एडमिशन कम हो रही थी। उसके बाद सरकार ने प्री नर्सरी कक्षाएं शुरू की हैं। जिसमें पहली अक्टूबर  2018 से 3491 स्कूलों में 40 हजार बच्चों का दाखिला हो चुका है। इससे साफ़ है कि आगनबाड़ी केंद्रों में बच्चे नहीं आएंगे। अब ये तो सरकार ही बता सकती है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास क्या काम होगा। लेकिन सरकार से इस फ़ैसले से हज़ारों आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में नाराज़गी है।