भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) हाल ही में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में ओलावृष्टि से हुए नुकसान पर बेहद चिंता व्यक्त करती हैं। पिछले दिनों में शिमला जिला के रोहड़ू के नावर क्षेत्र में, कोटखाई के महासू, क्यारवी, कलबोग, स्पोइल, ठियोग के मतियाना, कन्द्रू, गुठान, नारकंडा, रामपुर के दोफदा, कुल्लू ज़िला के आनी के खनाग आदि में भारी ओलावृष्टि से सेब, नाशपती, बादाम, आड़ू, खुमानी, प्लम, और अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
दरअसल प्रदेश की आर्थिकी में सेब और अन्य फलों का महत्वपूर्ण योगदान है। इससे प्रदेश की बड़ी आबादी रोज़गार अर्जित करती है। इस ओलावृष्टि से करीब 30 प्रतिशत सेब और अन्य फलों की फसल को क्षति हुई है, इसके कारण हज़ारों परिवार प्रभावित हुए हैं। इससे इनकी आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। पिछले कुछ समय से प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, बेमौसमी वर्षा और अंधड़ से किसानों और बागवानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। लेकिन सरकार आज चुनाव में व्यस्त हैं और इनका आज तक कोई भी आंकलन नहीं किया गया। सरकार के इस पर कोई दिशानिर्देश न होने के कारण अधिकारी भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहें हैं। किसान और बागवान आज सरकारी कार्यालयों में दर-दर भटक रहे हैं परंतु कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं। इससे किसान और बागवान बेहद ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
सी.पी.एम. मांग करती है कि प्रदेश सरकार इस ओलावृष्टि से हुई क्षति का तुरंत आंकलन के आदेश अधिकारियों को करें और प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। सरकार बैंकों को आदेश करें कि प्रभावित किसानों व बागवानों के कर्ज की वसूली पर तुरंत रोक लगाए और इनका कर्ज़ माफ़ किया जाए। इसके साथ प्रभावित किसानों और बागवानों को बीज, खाद, फफूंदीनाशक, कीटनाशक और अन्य लागत वस्तुएं उपदान पर दिये जायें। यदि समय रहते सरकार इन प्रभावित किसानों और बागवानों को राहत प्रदान नहीं करती हैं तो पार्टी किसानों को संगठित इसके लिए आंदोलन करेंगी।