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बेटे की मौत पर पिता ने ब्यां किया दर्द, सरकार से लगाई रोजगार की गुहार

बिट्टु सूर्यवंशी |

कांगड़ा के धमेटा के संदीप की मौत की खबर मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया है। संदीप के घर पर पत्नी चंद्रेश के अलावा बुजुर्ग माता-पिता, 8 साल का बेटा और 11 साल की बेटी की है। संदीप के पिता का कहना है कि उसकी मौत हो जाने से हमारे घर की रोजी-रोटी तक छिन गई। मेरी उम्र 75 साल है और इस उम्र में मैं कैसे अपने बच्चों की पालूंगा।

पिता ने गुहार लगाई की सरकार उनकी बहू को रोजगार के अवसर मुहैया करवाए, ताकि वे अपने बेटे-बेटी  को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ आगे बढ़ा सके।

संदीप अपने घर का इकलौता बेटा था जो नौकरी की तलाश में मौत का शिकार हो गया। संदीप के 74 वर्षीय पिता ने कहा कि सरकार समय रहते उनके बेटे और मारे गए अन्य युवकों नहीं बचा पाई। संदीप उनका इकलौता बेटा था।

वहीं, मृतक संदीप के पिता ने अपना दर्द ब्यां करते हुए कहा कि पिछले 4 सालों से सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली। जबकि पंजाब सरकार हर पीड़ित परिवार को 20 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देती थी लेकिन, प्रदेश सरकार का रवैया उनके प्रति उदासीन ही रहा। उन्होंने अपनी बहु के लिए सरकार से नौकरी की मांग की है ताकि उनके परिवार का भरण-पोषण हो सके।

वहीं, दूसरी तरफ मंडी के सुंदरनगर बायला गांव के हेमराज की मौत की खबर सुनकर गांव में शोक की लहर फैल गई है। हेमराज इराक में कुक का काम करता था। हेमराज के साथ 40 भारतीयों का दल था। जब इराक में युद्ध जारी हुआ तो उस समय 14 जून 2014 को हेमराज सहित 39 अन्य भारतीय लापता हो गए।

हेमराज की पत्नी निर्मला देवी के अनुसार 14 जून को उनके पति का आखिरी फोन आया था जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें बंधक बना लिया गया है। इसके बाद न ही कोई फोन आया। हेमराज के दो बच्चे हैं जिसमें एक बेटा और एक बेटी है। दोनों अभी छोटे हैं और इनकी परवरिश का सारा जिम्मा निर्मला देवी पर है। मृतक के चाचा शेर सिंह ने सरकार से बच्चों का पालन पोषण और हेमराज की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की गुहार लगाई है।