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मंडीः हवाई अड्डे के लिए बल्ह की उपजाऊ जमीन को न उजाड़ा जाए, संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी

बीरबल शर्मा, मंडी |

जिला मंडी में बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति की बैठक जोगिन्दर वालिया की अध्यक्षता में सम्पन हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर मांग की गई कि प्रस्ताविक हवाई अड्डे को किसी दूसरी जगह बनाया जाये। इस क्षेत्र की उपजाऊ भूमि को हर हाल में बचाया जाए, क्योंकि भूमि उपयोग को लेकर किसान का हमेशा यही नजरिया होता है कि गैर कृषि कार्य के लिए उस भूमि को उपयोग में लाया जाए जो बंजर हो या जिसमें फसल कम होती हो। 

गैर कृषि कार्य के लिए उपजाऊ भूमि का उपयोग किसान तभी करने को तैयार होता है जब और विकल्प बंद हो जाएं। वर्तमान राज्य सरकार के मुखिया जयराम ठाकुर चूंकि स्वयं किसान परिवार से हैं इसलिए निश्चित तौर से किसान और भूमि के इन आत्मीय रिश्तों को भलिभांति समझते होंगे। मंडी जिला के बल्ह क्षेत्र में प्रस्तावित हवाईअड्डे के निर्माण को किसान और भूमि के इसी रिश्ते के मद्देनजर समझने की आवश्यकता है।

समिति का कहना है किप्रस्तावित हवाई अड्डे के लिए आठ गांव की 3500 बीघा जमीन अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित है। इसमें 3040 बीघा निजी जमीन है और 460 बीघा सरकारी भूमि है। सरकार के मुताबिक 550 रिहायशी घर प्रस्तावित हवाई अड्डे में आएंगे। लेकिन रिहायशी मकान आज के समय में लगभग 2000 के करीब हैं जो पूरी तरह से उजाड दिए जायेंगे बल्ह विधान सभा क्षेत्र और नाचन विधान सभा क्षेत्र, इन दोनों क्षेत्रों के लिए कंसा चौक में उपलब्ध एक मात्र खेल का मैदान भी समाप्त हो जाएगा। समिति ने इस हवाई अड्डे को ऐसे स्थान पर बनाने का भी आग्रह किया है जहां पर उपजाऊ जमीन कम हो और विस्थापन कम से कम हो। इसके लिए बल्ह के ही नंद गढ़, मंडी हमीरपुर की सीमा पर जाहू में, दंरग के घोघराधार या बिलासपुर की बंदलाधर पर पर्याप्त जगह है जो बंजर है और यहां पर आबादी भी बहुत ही कम है।