कोटखाई के बागवान राजिंदर चौहान ने भाजपा नेता पर पैसा हड़पने और डराने धमकाने के आरोप लगाए हैं। बागवान राजिंदर चौहान ने कहा कि अर्की से भाजपा नेता रतन पाल ने उनके 70 हजार की भुगतान राशि नहीं दी। जब उन्होंने भाजपा नेता इन पैसों की मांग रखी तो वे सत्ता की धौंस में उन्हें धमकाने लगे। मामला इतना बढ़ गया कि आख़िर में बागवान राजिंदर को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। कोर्ट ने भी बागवान के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन बावजूद इसके भाजपा नेता कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रहे।
पीड़ित पक्ष राजिंदर ने कहा कि साल 2005 में रतन फ्रूट कंपनी सोलन में सेब बेचे थे। इस कंपनी का मालिक रतन सिंह पाल है जो भाजपा नेता है और अर्की से भाजपा प्रत्याशी भी रह चुका है। सेब बेचने पर जब भुगतान के तौर पर रतन सिंह को 70 हजार की राशि देनी थी तब वे टालमटोल करन लगा। कई दफ़ा उनसे पैसे की मांग की गई लेकिन वे सत्ता की धौंस में धमकियां देने लगा।
इसके बाद बागवान राजिंदर चौहान 2006 में कंज्यूमर फोरम में गए और साल 2010 में सिविल कोर्ट ठियोग में मामला शिफ्ट किया गया। 29 दिसंबर 2012 को कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया और रतन सिंह पाल को 90 हजार रुपये का भुगतान करने के आदेश पारित किए। लेकिन आढ़ती रतन सिंह पाल ने इस कोर्ट के आदेश को भी नहीं माना और मेरे पैसे आज तक नहीं दिए हैं।
बागवान ने कहा कि मेरे बार-बार पैसे मांगने पर भी मुझे पैसे नहीं दिये गए और मुझे धमकी दी गई कि जो करना है करो मैं पैसे नहीं दूंगा। इसके बाद सेब बागवानों के लिए उच्च न्यायालय के आदेश पर बनी SIT में शिकायत दी गई लेकिन वहां से भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सचिवालय में सरकार में बैठे लोगों से भी शिकायत की गई लेकिन आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। आज तक मेरा इस कार्यवाही में एक लाख रुपए खर्च हो गए हैं इसके बावजूद भी उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।
राजिंदर चौहान ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि वह तुरंत हस्तक्षेप कर रतन सिंह पाल आढ़ती से उनका बकाया भुगतान तुरंत करवाकर न्याय प्रदान करे और ऐसे किसानों का शोषण करने वाले व्यक्ति को सरकार संरक्षण प्रदान न करे। यदि सरकार समय रहते इनके बकाया भुगतान नहीं करती और दोषी आढ़ती के विरुद्ध कार्यवाही नहीं करती है तो वह अपनी मांग को लेकर किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। इसके लिए आढ़ती रतन सिंह पाल और प्रदेश सरकार जिम्मेवार होगी।