राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज राजभवन से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस के अवसर पर कहा कि भारत स्काउट्स और गाइड्स हिमाचल प्रदेश का शान्ति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। यह युवाओं को सक्रिय नागरिक बनाने, क्षमता विकसित करने और शान्ति के प्रसार की दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने भारत स्काउट्स और गाइड्स द्वारा किए गए शान्ति के प्रयासों और हर वर्ष मनाए जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस कार्यक्रम के आयोजन में भागीदारी के लिए संगठन की सराहना की।
उन्होंने कहा कि जब हम शान्ति के लिए शिक्षा की बात करें, तो हमें समझना होगा कि हम केवल बच्चों के बारे में नहीं सोच रहे हैं। शान्ति की शिक्षा में हम सभी छात्र हैं और हम सभी को अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। वर्तमान परिस्थितियों में जब शान्ति को अधिक खतरा है, तब इसके महत्व को समझने की और अधिक जरूरत है। विश्व शान्ति का प्रसार व रक्षा करने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है। शान्ति का तात्पर्य मन की स्थिरता से है। ऐसा कोई भी कार्य जो स्वयं के हित में हो, दूसरे के हित में हो, प्रकृति के हित में हो और हमारा मन उस कार्य को करने के बाद स्थिर हो जाए और चेहरे पर मुस्कान आए वही शान्ति है। इस साल के थीम शेपिंग पीस टूगैदर का अर्थ है कि हम सब मिलकर शान्ति को स्थापित करें और विश्व शान्ति के लिए दया, करूणा और आशा के साथ कार्य करे।
उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस हमें शान्ति के लिए अपनी प्रगति का आंकलन करने और संकल्प को दोहराने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करता है। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि वर्तमान समय की वैज्ञानिक प्रगति और वैश्विक विकास के दौर में शान्ति अभी भी नाजुक स्थिति में है, जिसकी और अधिक देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता है। वैश्विक क्रान्ति के दृष्टिगत अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस का महत्व और अधिक है। हम सभी को शान्ति के स्कूल में बेहतर छात्र बनने की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए ताकि हम अपने घरों, आसपास और अपने देश में शान्ति कायम कर सके। इससे पहले निदेशक उच्च शिक्षा और भारत स्काउट्स और गाइड्स के राज्य मुख्य आयुक्त अमरजीत कुमार शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और समाज में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए संगठन के कार्यों की सराहना की। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भेंट की। यह एक शिष्टाचार भेंट थी।