धर्मशाला में हाल ही में गद्दी समुदाय पर हुए लाठी चार्ज का मुद्दा केंद्र तक पहुंच गया है। अब इस मामले की जांच दिल्ली में होगी। राष्ट्रीय जनजातिय आयोग के चेयरमैन नंद लाल सहाय ने कहा कि कांगड़ा पुलिस की वीडियो रिकॉर्डिग आयोग ने देखा, इसमें ऐसा कुछ भी नज़र नहीं आ रहा है कि समुदाय के लोगों ने पुलिस के साथ अभद्र व्यवहार किया हो। लेकिन, पुलिस अधीक्षक कांगड़ा ने कहा था कि प्रदर्शन कर रहे लोगों ने थाना प्रभारी का कॉलर पकड़ा था, जिस कारण लाठी चार्ज हुआ। पूरे वीडियो में ऐसी कोई भी घटना सामने नहीं आई, इसलिए अब इसकी जांच दिल्ली में की जाएगी।
सहाय ने बातचीत के दौरान कहा की देश में सबको अपने अधिकार के लिए आवाज उठाने का अधिकार है। आयोग के सभी सदस्यों ने लोगों से बातचीत की है। आयोग ने कहा कि पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज करके गलत किया है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले आयोग ने शनिवार दोपहर कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक, उपायुक्त कांगड़ा, DGP और DIG से घटना के सम्बन्ध में बात बातचीत की थी। आयोग के इस फैसले के बाद अब कांगड़ा पुलिस कटघरे में खड़ी होती नजर आ रही है।
अब आयोग यह जांच इसलिए करना चाहता है ताकि आने वाले समय में किसी भी समुदाय के साथ ऐसी घटना न हो। सहाय ने कहा कि इस मामले को लेकर वन मंत्री आयोग से मिलना चाहता थे, लेकिन उन्होंने मिलने का समय नहीं दिया तो वन मंत्री ने आयोग को राजनितिक कहा है। इस पर सहाय ने कहा कि हम आयोग की तरफ से यहां आए हैं। आयोग किसी के साथ पक्ष-पात नहीं करता। वन मंत्री का ये सोचना गलत है और वह जनजातिय हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश न करें।