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सदन में गूंजा छात्रवृत्ति घोटाले का मामला, शिक्षा मंत्री ने दिया ये जवाब

पी. चंद |

विधानसभा सत्र के दौरान माकपा विधायक राकेश सिंघा द्वारा प्रदेश के विभिन्न आरक्षित वर्गों के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृति का भुगतान न होने से उन्हें पेश आ रही समस्याओं को उठाया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। विभाग से जब इस बारे में पूछा जाता है तो वो सीबीआई जांच का हवाला देकर इसे टाल देते हैं । इस मामले को लेकर छात्र शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं लेकिन वंहा से भी मात्र आश्वासन ही मिला।

उन्होंने कहा कि छात्रवृति घोटाले की सूचना छात्रों ने पहले ही प्रशासन को दे दी थी बावजूद इसके धोखाधड़ी का ये सिलसिला जारी रहा। उन्होंने कहा कि आज आरक्षित वर्ग के छात्रों को अपने प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे हैं जिसके कारण वे नोकरी नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए सरकार को इस मामले पर जल्द से जल्द कार्यवाही करके छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करनी चाहिए ।

जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मिल था और अपनी मांगे उनके समक्ष रखी थीं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों की इस समस्या को जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया है । उन्होंने कहा कि 2013 से 2017 के बीच छात्रवृति घोटाले को अंजाम दिया गया जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी । इस दौरान विभाग के कुछ कर्मचारी अधिकारियों और निजी शिक्षण संस्थानों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया। इस मामले में जयराम सरकार ने सत्ता में आते ही कार्यवाही की ओर दोषियों को गिरफ्तार किया गया। 2017 से पहले की जो छात्रवृत्ति रुकी है उसको भी विद्यार्थियों को दिया जाएगा।