हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर एक आम आदमी ठगा हुआ महसूस कर रहा है. पिछले 50 वर्षों से भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर प्रदेश की जनता के साथ धोखा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. आज क्षेत्रीय अस्पतालों से लेकर जिला अस्पतालों को देखा जाए तो हर व्यक्ति इनकी सुविधाओं से परेशान हो चुका है. अस्पतालों में कर्मचारी उपलब्ध नहीं हैं, ना ही डॉक्टर उपलब्ध हैं और ना ही वहां पर सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहां तक कि अल्ट्रासाउंड की मशीनें खराब पड़ी हुई हैं और अस्पतालों में सुविधाओं के नाम पर केवल मजाक किया जा रहा है. उपमंडल स्तर के अस्पताल तो रेफर अस्पताल मात्र बनकर रह गए हैं.
52% लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज के दौरान मर जाते हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार जो बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का ढिंढोरा पीटती है, करोड़ों रुपए का बजट लगाने के बाद भी सुविधाओं को नहीं सुधार पाती है, ऐसी सरकार को प्रदेश में रहने का कोई हक नहीं है. एक तरफ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर रिवाज बदलने की बात करते हैं और दूसरी तरफ उनके अस्पतालों में टॉर्च से इलाज किया जा रहा है, होमगार्ड डॉक्टर की जगह इलाज कर रहे हैं. कई मामलों में कई तरह की लापरवाही देखने को मिलती हैं.
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी राजनीति में अच्छे अस्पतालों और अच्छी शिक्षा की सुविधाएं देने के चलते पूरे देश में प्रसिद्धि की तरफ बढ़ रही है. दिल्ली के अस्पतालों को दुनिया का बेहतर बनाने का गौरव आम आदमी पार्टी को मिला है. मोहल्ला क्लीनिक के रूप में आम आदमी पार्टी ने देश के सामने एक नई स्वास्थ्य व्यवस्था लाकर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है. अस्पतालों में दवाइयां मुफ्त दी जा रही हैं और साथ ही बेहतर शिक्षा व्यवस्था को लेकर अच्छे स्कूल बनाने को लेकर आम आदमी पार्टी कार्य कर रही है.
आम आदमी पार्टी की जिला मीडिया प्रभारी रमेश शर्मा ने बताया कि इन दोनों पार्टियों से आम आदमी त्रस्त हो चुका है. चाहे वह स्वास्थ्य सुविधाओं की बात हो या फिर खराब शिक्षा व्यवस्था की बात हो, हर जगह इन पार्टियों ने जनता को मूर्ख बना कर सत्ता हासिल की है किंतु इस बार लोगों ने इन दोनों पार्टियों को सत्ता से उखाड़ फेंकने का मन बना कर आम आदमी पार्टी को हिमाचल प्रदेश में पूर्ण बहुमत से लाने का मन बना लिया है और आगामी विधानसभा चुनावों में जिस तरह से आम आदमी पार्टी के साथ लोगों का जुड़ाव बढ़ रहा है, उससे यह साफ देखने को लगता है कि इस बार हिमाचल प्रदेश में इन दोनों पार्टियों को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए लोग तैयार हो चुके हैं.