यूएस की तर्ज़ पर जिला ऊना के बहड़ाला में कूड़े से बिजली बनाने का प्रोजेक्ट पिछले एक साल से अधर में ही लटका है। बहड़ाला में 400 करोड़ से बनने वाले प्रोजेक्ट में ग्रामीण रोड़ा बन रहे हैं। वीरवार को बहड़ाला में प्लांट के लिए जमीन की तीसरी बार हो रही निशानदेही को लेकर ग्रामीणों ने रोष जताते हुए नारेबाजी की।
ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत द्वारा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित करने के लिए जो अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया है, वो फर्जी तौर पर तैयार की गई है। प्लांट लगाने के लिए जो भूमि स्थानातंरित की गई है, उसके साथ गौशाला, मंदिर, शामशान घाट व ग्रामवासियों के जठेरे भी है। इसके साथ ही बहा आसपास आबादी भी पड़ती है जिससे बहा प्लांट लगने के बाद महामारी फैलने का खतरा भी है ऐसे में प्लांट को जिला के किसी अन्य स्थान पर लगाया जाए।
आपको बता दें कि जर्मनी की एजी डॉटरर्स कंपनी जिला ऊना में 400 करोड़ रुपये की लागत से एक प्लांट को स्थापित करेगी। इसके लिए कंपनी ने जुलाई 2018 में नगर परिषद ऊना के साथ एमओयू साईन किया है। प्लांट में कचरे को रिसाइकिल करके इससे बिजली और ईंधन बनाया जाएगा। यह प्लांट अमेरिकन ऑर्मी और नासा के तहत होंगे। ऊना में लगने वाला यह प्लांट विश्व का पहला ऐसा प्लांट होगा, जिसका कमर्शियल उपयोग किया जाएगा। हालांकि यूपी में भी इस तरह का प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है, लेकिन ऊना देश का पहला ऐसा जिला है, जहां लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
योजना के तहत आने वाले सभी गांव और कस्बों में कंपनी की ओर से कुड़ा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए कंपनी को 15 कनाल की जमीन हिमाचल सरकार द्वारा जिला ऊना के बहड़ाला गांव में लीज पर दी। इसके लिए दो नगर निकायों और 28 पंचायतों के साथ एमओयू साइन कर लिया है। वहीं, प्लांट को लेकर बहड़ाला के ग्रामीणों ने गांव में स्थापित होने वाले प्लांट को लेकर विरोध जताया है। दो बार निशानदेही के लिए पहुंचे विभागीय टीम को बेरंग लौटाया गया। वीरवार को पुन: निशानदेही के लिए विभागीय टीम सहित नगर परिषद ऊना के सदस्य भी पहुंचे, लेकिन निशानदेही नहीं हो पाई।
ग्रामीणों में उप प्रधान सुरेश कुमार, विमला देवी, जोगिंद्र कौर, सुरजीत सिंह, कुलदीप चंद, बलवीर चंद, रिंकू धीमान, शाम लाल, सुरेश कुमारी, मोहिंद्र और जीवन सहित अन्यों ने रोष जताते हुए नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि बहड़ाला गांव में प्लांट ना बनाकर किसी अन्य स्थान पर स्थापित किया जाए और उपरोक्त भूमि शहरी विकास विभाग से वापिस ली जाए।
क्या कहते हैं नप अध्यक्ष
इस बात पर नगर परिषद अध्यक्ष बाबा अमरजोत सिंह बेदी का कहना है कि बहड़ाला के ग्रामीणों द्वारा प्लांट को लेकर विरोध किया जा रहा है। वीरवार को तीसरी बार निशानदेही के लिए पहुंचे थे, लेकिन ग्रामीणों के रोष के चलते निशानदेही नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर जिला उपायुक्त से बात की जाएगी।