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‘बीज कंपनियों ने किसानों से किया धोखा, ख़राब बीज से बेढंगे टमाटर और खराब हो रही फसलें’

पी. चंद |

प्रदेश किसान सभा ने कई शिकायतों और मांगों को लेकर शिमला के मशोबरा में कंपनी के खिलाफ़ जोरदार प्रदर्शन किया। सभा का कहना है कि बीज कंपनियों ने किसानों से धोखा किया है और उन्हें नकली बीच दिए हैं। यही कारण है कि उनकी अधिकांश फसल ख़राब होने की कगार पर आ पहुंची है। इस संबंध में खण्ड विकास अधिकारी की मार्फत मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। बीडीओ मशोबरा अंकित शर्मा ने किसानों को आश्वासन दिया कि वे कृषि विभाग से बात करके किसानों को राहत देने की संभावनाएं तलाशेंगे।

किसान सभा अध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि बीज कम्पनियों ने किसानों को नकली बीज बेच कर किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। सोलन और शिमला में हज़ारों किसानों की टमाटर और गोभी की फसलें बर्बाद हो गई है। टमाटर में रॉक स्टार कम्पनी और गोभी में सिंजेन्टा कम्पनी ने किसानों को नकली बीज बेचे हैं। इससे सोलन जिला में बेढंगे आकार के टमाटर पैदा हो रहे हैं। वहीं मशोबरा और ठियोग खण्ड की कई पंचायतों में फूलगोभी की फसल भी रंग-बिरंगे आकार में उगी है।

सरकार को चाहिए कि बीज कम्पनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और कम्पनियों से किसानों को उनकी फसल का पूरा दाम दिलवाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उक्त कम्पनियां किसानों को उनकी बर्बाद फसल का दाम वापस नहीं करती तो किसान भविष्य में इन कम्पनियों को प्रदेश के अन्दर घुसने नहीं देंगे। किसान सभा ने पुनः कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि किसान सभा 25 जुलाई से 8 अगस्त तक देशव्यापी अभियान चलाएगी जिसका समापन 9 अगस्त ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ की जयंति पर किया जाएगा।

मांगपत्र

1. नकली बीज बेचने वाली कम्पनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

2. कम्पनियों से किसानों की बर्बाद हुई फसल का दाम वसूला जाए

3. बर्फबारी और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार राहत कोष से किसानों के लिये पैकेज जारी करे।

4. किसानों का के.सी.सी. लोन और ब्याज माफ किया जाए तथा जिन किसानों के पास केसीसी लिमिट नहीं है, उनकी फसल को भी फसल बीमा योजना के तहत लाया जाए।

5.  सरकार कार्टन, ट्रे और भाड़े में वृद्धि को रोका जाए अथवा किसानों को इसमें सब्सिडी दी जाए।

6.  सरकार क्रेट में वज़न के हिसाब से सेब की खरीद की प्रक्रिया को शुरू करवाये।

7. बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) के अंतर्गत खरीदे जाने वाले कल्ड फ्रूट का न्यूनतम मूल्य में की गई एक रुपये की वृद्धि को वापस लेकर इसे 16 रुपये प्रति किलोग्राम किया जाए।

8. आढ़तियों के पास बागवानों की लम्बित बकाया राशि के भुगतान को समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करवाया जाए तथा ऐसे आढ़तियों के हाथों लुटे गए हजारों बागवानों के उदाहरण से सीख लेते हुए आगामी कदम उठाए।

9. अपने देश में पैदा किए जा रहे सेब को लाभकारी बनाने के लिए सेब पर आयात शुल्क को 100 फीसद करे।