रोहतांग दर्रे में हुए भारी हिमपात के चलते शुक्रवार को 15 गाड़ियों में सवार करीब 100 लोग बर्फ में फंस गए। इन लोगों को करीब 8 घंटे कड़ाके की ठंड में गुजारने पड़े। इसके बाद मनाली और लाहौल प्रशासन समेत लोगों ने बीआरओ पर रोहतांग बहाल करने का दबाव बनाया और शाम 7 बजे दर्रा बहाली का काम शुरू किया गया।
बता दें कि वीरवार को हुई बर्फबारी से रोहतांग दर्रा वाहनों के लिए बंद हो गया था। वीरवार शाम को रोहतांग दर्रे में फंसी पिकअप को निकालने रेस्क्यू टीम सुबह ही रोहताग पहुंच गई थी। पिकअप निकालने के बाद कम बर्फ देख दोपहर बाद लाहुल की ओर से 12 गाड़ियों में 80 से अधिक लोगों का काफिला मनाली की ओर निकल आया। ग्रांफू के पास बर्फीले तूफान ने उनकी राह को रोक दी।
वाहन चालकों ने सवारियों की मदद से बेलचे से बर्फ हटाई और गाड़ियों को रोहतांग तक पहुंचा दिया। मनाली में जब लाहुल से गाड़ियां आने की जानकारी मिली तो 3 वाहनों में 20 से अधिक लोग इधर से भी रोहतांग की ओर निकल गए। रोहतांग दर्रे में बर्फीला तूफान चलने से बर्फ सड़क पर आ गई, जिससे वाहनों का निकलना नामुमकिन हो गया। इस पर बीआरओ ने मशीनरी भेज रात 8 बजे दर्रा बहाल कर दिया।
बचाव चौकी कोकसर के प्रभारी पवन ठाकुर ने बताया कि रोहतांग से राहनीनाला के बीच बफीर्ली हवा चलने से कई जगह सड़क में बर्फ की दीवार बन गई है। रोहतांग दर्रा यातायात के लिए बहाल होने से घाटी से बाहर आने जाने वालों को राहत तो मिली है। एसडीएम मनाली रमन घरसंगी ने बताया कि रोहतांग दर्रे में फंसे सभी लोगों को निकाल लिया गया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि मौसम की परिस्थितियों को देखकर ही रोहतांग दर्रे को पार करें।